Monday, December 29

चिनाब नदी पर भारत के नए हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट से पाकिस्तान में कोहराम, सीनेटर शेरी रहमान भड़कीं

 

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इस्लामाबाद/नई दिल्ली: भारत द्वारा चिनाब नदी पर नए हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को मंजूरी देने के बाद पाकिस्तान में भारी प्रतिक्रिया सामने आई है। पाकिस्तान की प्रमुख नेता और सीनेटर शेरी रहमान ने कहा है कि “पानी का हथियार के तौर पर इस्तेमाल न तो समझदारी है और न ही मंजूर।”

 

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के नेता बिलावल भुट्टो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि “भारत ने सिंधु जल संधि (IWT) का उल्लंघन करते हुए जम्मू-कश्मीर में दुलहस्ती स्टेज-II हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है।” उन्होंने चेताया कि यह एकतरफा कदम पाकिस्तान के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

 

चिनाब पर भारत के प्रोजेक्ट से पाकिस्तान में खलबली

शेरी रहमान ने आगे कहा कि “भारत सिंधु बेसिन में सवालकोट, रैटल, बुरसर, पाकल दुल, क्वार, किरू और कीरथाई जैसे विवादित हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट्स तेजी से पूरा करने जा रहा है। दुलहस्ती स्टेज-II इसी रणनीति का हिस्सा है। जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय तनाव झेल रहे इस क्षेत्र में पानी का इस तरह हथियार के रूप में इस्तेमाल करना न केवल अस्वीकार्य है, बल्कि द्विपक्षीय संबंधों में तनाव और बढ़ाएगा।”

 

भारत-पाकिस्तान सिंधु जल समझौता

भारत और पाकिस्तान ने विश्व बैंक की मध्यस्थता में 1960 में सिंधु जल संधि की थी। इसके तहत:

 

सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का पानी मुख्य रूप से पाकिस्तान के लिए निर्धारित।

रावी, ब्यास और सतलुज नदियों का पूरा अधिकार भारत को।

भारत को पाकिस्तान वाली नदियों पर सीमित गैर-उपभोगी उपयोग (जैसे रन-ऑफ-द-रिवर हाइड्रोपावर) की अनुमति।

किसी भी परियोजना से पहले पाकिस्तान को डिजाइन और तकनीकी जानकारी देना अनिवार्य।

 

भारत का नया प्रोजेक्ट

टाइम्स ऑफ इंडिया और द हिंदू के मुताबिक, भारतीय पर्यावरण मंत्रालय ने कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में 260MW का नया हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट मंजूर किया है। यह सवालकोट हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (1,856MW) के दो महीने बाद आया है। केंद्र सरकार अब सिंधु बेसिन में कई अन्य प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम कर रही है। भारत ने पहलगाम में पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंकवादी हमले के बाद सिंधु जल संधि को स्थगित कर रखा है।

 

विश्लेषकों का मानना है कि इस कदम से न केवल भारत की ऊर्जा क्षमता बढ़ेगी, बल्कि पाकिस्तान के लिए सिंधु जल पर नियंत्रण और विवाद का नया मोर्चा खुल सकता है।

 

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