Saturday, December 27

कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विनय त्यागी की मौत हरिद्वार हमले के बाद ऋषिकेश एम्स में तोड़ा दम, 750 करोड़ की हाई-प्रोफाइल चोरी में था आरोपी

 

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पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विनय त्यागी की इलाज के दौरान मौत हो गई। उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में वह पिछले तीन दिनों से वेंटिलेटर पर था। हरिद्वार जिले के लक्सर क्षेत्र में पुलिस कस्टडी के दौरान हुए हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गया था।

 

एम्स के ट्रॉमा सेंटर में उपचार के दौरान शुक्रवार को उसकी मौत की पुष्टि एम्स पीआरओ श्रीलॉय मोहंती ने की।

 

 

 

पुलिस कस्टडी में ताबड़तोड़ फायरिंग

 

घटना 24 दिसंबर की है। विनय त्यागी को जेल से अदालत में पेशी के लिए पुलिस वाहन से ले जाया जा रहा था। दोपहर करीब एक बजे हरिद्वार-लक्सर हाईवे ओवरब्रिज पर अचानक बाइक सवार दो बदमाशों ने पुलिस वाहन पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी।

 

हमले में विनय त्यागी के सीने, हाथ और गले में कई गोलियां लगीं। जाम का फायदा उठाकर हमलावर मौके से फरार हो गए। घायल अवस्था में पहले उसे देहरादून के अस्पताल में भर्ती कराया गया, बाद में गंभीर हालत को देखते हुए ऋषिकेश एम्स रेफर किया गया।

 

 

 

750 करोड़ की कथित चोरी का आरोपी

 

विनय त्यागी एक हाई-प्रोफाइल चोरी कांड में आरोपी था। आरोप है कि उसने मेरठ-गाजियाबाद के एक बड़े एनएचएआई ठेकेदार का करीब 750 करोड़ रुपये मूल्य का माल चुरा लिया था। इसमें भारी मात्रा में नकदी, कई किलो सोना, कीमती ज्वैलरी और बेनामी संपत्तियों के अहम दस्तावेज शामिल थे।

 

पुलिस के मुताबिक यह सारा माल देहरादून में एक कार में छिपाकर रखा गया था, जिसे विनय त्यागी ने चोरी किया। इसी मामले में देहरादून पुलिस ने उसे उसकी पत्नी के साथ गिरफ्तार किया था और बड़ी बरामदगी का दावा किया गया था।

 

 

 

ED को सौंपने की तैयारी का दावा

 

मृतक की बहन सीमा त्यागी ने मामले को लेकर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि यह सारा धन एनएचएआई ठेकेदार का था, जिसने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई से बचने के लिए इसे अपने एक डॉक्टर मित्र के घर छिपा दिया था।

 

सीमा त्यागी का दावा है कि विनय त्यागी को इस छिपे हुए माल की जानकारी हो गई थी और वह इसे ED को सौंपने की तैयारी कर रहा था। इससे पहले ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

 

 

 

परिवार का आरोप—साजिश के तहत हत्या

 

विनय त्यागी की मौत के बाद परिजनों ने उत्तराखंड पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिवार का दावा है कि पेशी के दौरान हुआ हमला एक पूर्व नियोजित साजिश थी, ताकि विनय किसी केंद्रीय एजेंसी के सामने बड़े खुलासे न कर सके।

 

परिजनों का आरोप है कि विनय की मौत के साथ ही एनएचएआई ठेकेदार की कथित काली कमाई से जुड़े कई राज भी दफन हो गए। उन्होंने पूरे मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है।

 

 

 

बेनामी संपत्ति के दस्तावेज बने वजह?

 

सूत्रों के अनुसार, हमले के पीछे बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज अहम कारण माने जा रहे हैं। चर्चाएं हैं कि नकदी और सोना तो पुलिस को मिल चुका था, लेकिन कई महत्वपूर्ण कागजात विनय ने कहीं और छिपा रखे थे। आशंका है कि इन्हीं दस्तावेजों के सामने आने के डर से यह हमला कराया गया।

 

 

 

जांच के घेरे में कई सवाल

 

पुलिस कस्टडी में हुए इस हमले और आरोपी की मौत ने कानून-व्यवस्था, सुरक्षा इंतजाम और संभावित साजिश को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या इस हाई-प्रोफाइल कांड की जांच किसी केंद्रीय एजेंसी को सौंपी जाएगी या नहीं।

 

 

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