Thursday, December 25

पटना में खड़ी गाड़ी, टोल कटा जमशेदपुर में; मथुरा की वर्कशॉप से गोरखपुर तक पहुंचा FASTag — गलत कटौती से वाहन मालिक परेशान

 

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पटना।

क्या आपकी गाड़ी घर के बाहर खड़ी है और अचानक मोबाइल पर सैकड़ों किलोमीटर दूर किसी टोल प्लाजा से पैसे कटने का मैसेज आ जाए? अगर ऐसा हुआ है, तो आप अकेले नहीं हैं। बिहार और झारखंड समेत कई राज्यों में FASTag के जरिए गलत कटौती के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। यह गड़बड़ी अब व्यक्तिगत परेशानी नहीं, बल्कि पूरे टोल सिस्टम की विश्वसनीयता पर सवाल बन चुकी है।

 

पटना में खड़ी कार, जमशेदपुर में कट गया टोल

 

पटना निवासी सिद्धार्थ कौशल मंगलवार शाम उस वक्त चौंक गए, जब उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि उनकी कार से जमशेदपुर के पुतरू टोल प्लाजा पर 65 रुपये काट लिए गए हैं।

सिद्धार्थ कहते हैं,

“मेरी गाड़ी घर के बाहर खड़ी थी। न मैं उस रास्ते पर गया, न कभी जमशेदपुर की ओर ड्राइव की। फिर टोल कैसे कट गया?”

 

मथुरा की वर्कशॉप में थी कार, गोरखपुर में वसूला टोल

 

ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला रांची से सामने आया है। सिविल इंजीनियर प्रभाकर की कार 29 जुलाई को मथुरा की एक वर्कशॉप में रिपेयरिंग के लिए खड़ी थी, लेकिन उसी दिन उनके FASTag खाते से गोरखपुर के टेंदुआ टोल प्लाजा पर 130 रुपये कट गए।

उन्होंने 1033 हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई, लेकिन महीनों बीतने के बाद भी रिफंड का कोई अता-पता नहीं।

 

‘बहस के बाद जानबूझकर काटा गया टोल’

 

रोहतास जिले के नोखा निवासी अभय रंजन को शक है कि उनके साथ यह गड़बड़ी जानबूझकर की गई। उनकी गाड़ी कभी रांची नहीं गई, फिर भी पुंदाग टोल प्लाजा पर 75 रुपये कट गए।

अभय का दावा है कि एक सप्ताह पहले कोइलवर टोल प्लाजा पर कर्मचारी से उनकी बहस हुई थी, जिसने उन्हें “सबक सिखाने” की धमकी दी थी।

 

गलती सिस्टम की या कर्मचारियों की?

 

NHAI के पटना क्षेत्रीय अधिकारी एन.एल. येओतकर ने इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन विभागीय सूत्रों और पूर्व अधिकारियों ने अंदरूनी तस्वीर सामने रखी है।

 

सड़क निर्माण विभाग के एक पूर्व इंजीनियर के अनुसार,

“कुछ टोल लेन अब भी मैनुअल मोड में चलती हैं, जहां कर्मचारी गाड़ी का नंबर हाथ से फीड करते हैं। एक अंक की भी गलती हुई, तो किसी और वाहन मालिक के FASTag से पैसा कट सकता है।”

 

NHAI की रिपोर्ट ने मानी गड़बड़ी

 

जहां कुछ अधिकारी इस तरह की गलत कटौती को ‘असंभव’ बताते हैं, वहीं NHAI की आंतरिक रिपोर्ट खुद मानती है कि ऐसी घटनाएं हुई हैं।

रिपोर्ट के अनुसार:

 

हर सत्यापित गलत कटौती पर टोल ऑपरेटर पर 1 लाख रुपये का जुर्माना

2025 की पहली तिमाही में 250 से ज्यादा जुर्माने

इससे घटनाओं में लगभग 70% की कमी आई

IHMCL को हर महीने 30 करोड़ FASTag ट्रांजैक्शन में औसतन 50 सही शिकायतें मिलती थीं

 

सवाल अब भी कायम

 

गलत कटौती पर जुर्माने जरूर लगे हैं, लेकिन आम वाहन मालिक के लिए रिफंड की प्रक्रिया अब भी जटिल और धीमी है।

सबसे बड़ा सवाल यही है—

अगर गाड़ी घर में खड़ी है, तो टोल किसने पार किया?

 

FASTag को “स्मार्ट सिस्टम” कहा गया था, लेकिन जमीनी हकीकत में इसकी गलतियां आम आदमी की जेब और भरोसे—दोनों पर भारी पड़ रही हैं।

 

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