Thursday, December 25

अधूरी दीवार, असुरक्षित पैसेंजर एरिया और विदेशी CEO: क्यों अटका नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन

 

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नोएडा।

देश के सबसे महत्वाकांक्षी ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा परियोजनाओं में शामिल नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) का संचालन एक बार फिर तय समय पर शुरू होता नहीं दिख रहा है। साल 2025 के समाप्त होने से पहले इसके चालू होने को लेकर संशय बना हुआ है। अब यह स्पष्ट हो गया है कि एयरपोर्ट में तकनीकी, संरचनात्मक और सुरक्षा से जुड़ी गंभीर खामियां अभी भी पूरी तरह दूर नहीं हो पाई हैं।

 

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, क्रिसमस के आसपास होने वाली उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के बाद ही यह तय किया जाएगा कि एयरपोर्ट इस वित्तीय वर्ष (31 मार्च 2026) में चालू हो पाएगा या नहीं।

 

परिमीटर दीवार अधूरी, सुरक्षा पर सवाल

 

मामले से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, एयरपोर्ट की परिमीटर वॉल अभी पूरी तरह तैयार नहीं है, जबकि इसके साथ बनाए गए वॉच टावरों में भी पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था नहीं है। यह स्थिति सुरक्षा मानकों के लिहाज से गंभीर मानी जा रही है।

 

सूत्रों ने बताया कि बिना पूर्ण सुरक्षा घेराबंदी के एयरपोर्ट को ऑपरेशनल अनुमति देना जोखिम भरा हो सकता है।

 

पैसेंजर एरिया में ‘मिक्स-अप’ का खतरा

 

एयरपोर्ट के पैसेंजर टर्मिनल डिज़ाइन को लेकर भी आपत्ति जताई गई है। फिलहाल आगमन और प्रस्थान क्षेत्रों का स्पष्ट विभाजन न होने के कारण यह आशंका जताई गई है कि:

 

आने वाले यात्री गलती से जाने वाले यात्रियों के ज़ोन में पहुंच सकते हैं

सामान की अदला-बदली या सुरक्षा चूक की स्थिति बन सकती है

 

अधिकारियों के अनुसार, इन खामियों को दूर किए बिना संचालन शुरू करना संभव नहीं है।

 

बम निरोधक उपकरणों को CISF की मंजूरी नहीं

 

सुरक्षा एजेंसियों ने यह भी बताया कि एयरपोर्ट पर लगाए गए बम डिस्पोज़ल और सुरक्षा उपकरणों को अभी तक CISF से अंतिम प्रमाणन (Certification) नहीं मिला है। यह प्रमाणन मिलने के बाद ही एयरपोर्ट को सुरक्षा मंजूरी दी जा सकती है।

 

विदेशी CEO बना नया विवाद

 

इस बीच, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के CEO क्रिस्टोफ़ श्नेलमैन के विदेशी नागरिक होने का मुद्दा भी सामने आया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इसे गृह मंत्रालय के समक्ष उठाया है, क्योंकि ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के प्रमुख पद पर नियुक्त विदेशी नागरिक को सुरक्षा स्वीकृति आवश्यक होती है।

 

हालांकि, श्नेलमैन भारत में लंबे समय से काम कर चुके हैं और 2007-08 में बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण से भी जुड़े रहे हैं। उन्होंने यह भी तर्क दिया है कि एयर इंडिया और इंडिगो जैसी बड़ी एयरलाइंस के CEO भी विदेशी नागरिक हैं।

 

उद्घाटन से पहले कई एजेंसियों की मंजूरी जरूरी

 

गुरुवार को नागरिक उड्डयन सचिव समीर सिन्हा की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में:

 

BCAS

CISF

DGCA

नागरिक ब्यूरो समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी

 

शामिल होंगे। सभी मुद्दों के समाधान के बाद ही प्रधानमंत्री कार्यालय से उद्घाटन की तारीख मांगी जाएगी।

 

जनवरी बेहद अहम, वरना फिर टलेगा संचालन

 

विशेषज्ञों के अनुसार, यदि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को इस वित्तीय वर्ष में चालू करना है और गर्मियों के पीक ट्रैवल सीज़न में उड़ानों का विस्तार करना है, तो जनवरी में संचालन शुरू होना बेहद जरूरी है।

 

उदाहरण के तौर पर:

 

नवी मुंबई एयरपोर्ट का उद्घाटन 8 अक्टूबर 2025 को हुआ और करीब ढाई महीने बाद उड़ानें शुरू हो रही हैं

गोवा का मोपा एयरपोर्ट उद्घाटन के 25 दिन बाद ही ऑपरेशनल हो गया था

 

सीमित उड़ानों से होगी शुरुआत

 

CEO क्रिस्टोफ़ श्नेलमैन के अनुसार, NIA की शुरुआत पहले कुछ हफ्तों तक दिन में सीमित उड़ानों से होगी। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से रात की उड़ानें शुरू की जाएंगी। निर्माण और संचालन के बीच के अंतर को कम करने के लिए ORAT (Operational Readiness and Airport Transfer) प्रक्रिया अपनाई जा रही है।

 

सवाल अब भी बरकरार

 

देश को जिस एयरपोर्ट से तेज़ कनेक्टिविटी और आर्थिक रफ्तार की उम्मीद है, वह अब भी अधूरे निर्माण, सुरक्षा मंजूरी और प्रशासनिक अड़चनों में फंसा हुआ है।

सबसे बड़ा सवाल यही है—

क्या नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तय समय पर उड़ान भर पाएगा, या उद्घाटन की तारीख एक बार फिर आगे खिसक जाएगी?

 

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