
रियाद: सऊदी अरब में काम करने वाले लाखों भारतीयों के लिए बड़ी खबर है। सऊदी अरब के मानव संसाधन और सामाजिक विकास मंत्रालय ने घोषणा की है कि 1 जनवरी, 2026 से सभी घरेलू वर्कर्स की सैलरी केवल आधिकारिक इलेक्ट्रॉनिक चैनलों के माध्यम से भुगतान की जाएगी। यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने, श्रमिक सुरक्षा मजबूत करने और विवाद कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
सऊदी अरब में करीब 25 लाख भारतीय जॉब कर रहे हैं, जिनमें बड़ी संख्या घरेलू वर्कर्स (ड्राइवर, नौकर, माली, सिक्योरिटी गार्ड आदि) की है। अब तक इन वर्कर्स को ज्यादातर कैश सैलरी मिलती थी, जिससे भुगतान में असुविधा और विवाद की स्थिति बनती थी।
कैसे मिलेगी नई सैलरी?
- कंपनियों को अब मान्यता प्राप्त बैंकों या डिजिटल वॉलेट के जरिए तनख्वाह ट्रांसफर करनी होगी।
- यह भुगतान मुसानेड प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया जाएगा, जिससे सैलरी का आधिकारिक रिकॉर्ड बनेगा।
- वर्कर्स अपने परिवार को सीधे सैलरी ट्रांसफर कर सकेंगे।
- माडा कार्ड के माध्यम से कैश निकालने की सुविधा भी रहेगी।
- इस सिस्टम से कॉन्ट्रैक्ट, यात्रा और अन्य प्रक्रियाएं सरल और सुरक्षित होंगी।
ई-सैलरी प्रणाली को सऊदी अरब में 2024 में चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया था। पहला चरण 1 जुलाई 2024 से शुरू हुआ था, जिसमें नए घरेलू वर्कर्स को केवल मुसानेड प्लेटफॉर्म के जरिए ही सैलरी मिलने की अनिवार्यता थी।
मंत्रालय ने बताया कि यह नया नियम घरेलू रोजगार क्षेत्र में श्रम सुरक्षा और पारदर्शिता को बढ़ावा देने का एक अहम कदम है।