
पुणे: महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में कई प्रेरक कहानियां सामने आई हैं। इनमें से एक है लोनावला की रहने वाली भाग्यश्री जगताप की, जिन्होंने सड़क किनारे फल बेचते हुए अपनी मेहनत और सरल जीवनशैली के बल पर नगर परिषद की सदस्य पद पर विजय हासिल की।
एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के समर्थन से चुनाव लड़ीं भाग्यश्री ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, बीजेपी प्रत्याशी रचना सिंकर को 608 वोटों से हराकर 1468 वोट हासिल किए।
विजय के अगले दिन भी भाग्यश्री ने बधाई समारोह में शामिल होने के बजाय अपनी फल की दुकान खोली और ग्राहकों को सेवाएं दीं। उन्होंने कहा, “फल बेचना हमारा पारिवारिक व्यवसाय है। पार्षद बनने के बावजूद हम जनसेवा के साथ-साथ अपना व्यवसाय भी जारी रखेंगे। परिषद में लोगों की समस्याओं को उठाना हमारा कर्तव्य होगा।”
भाग्यश्री के पति महादेव जगताप ने भी उनका समर्थन किया और कहा कि पारिवारिक व्यवसाय और जनसेवा दोनों में संतुलन बनाए रखा जाएगा। लोनावला में रहने वाले लोगों के लिए यह जीत प्रेरणा का स्रोत है, जो यह दिखाती है कि मेहनत, ईमानदारी और सरल जीवनशैली के बल पर बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं।
इस जीत के साथ ही भाग्यश्री जगताप ने यह संदेश भी दिया कि जनप्रतिनिधि होने का अर्थ सिर्फ पद नहीं, बल्कि समाज और परिवार दोनों की सेवा करना है।