
पटना: पटना हाई कोर्ट ने बिहार निषेध एवं उत्पाद शुल्क अधिनियम के तहत एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि अगर बाइक के पीछे बैठी सवारी के पास से अवैध शराब बरामद होती है, तो बाइक के मालिक पर कोई कार्रवाई करना गलत है। इस फैसले से बाइक मालिकों को बड़ी राहत मिली है।
मामला 2022 के संशोधन अधिनियम की धारा 30(a) से जुड़ा था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, पुलिस ने एक मोटरसाइकिल को रोका था, जिस पर दो लोग सवार थे। पीछे बैठे व्यक्ति के पिट्ठू बैग से छह लीटर अवैध शराब बरामद हुई। इस दौरान मोटरसाइकिल का मालिक और सवार दोनों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।
हाई कोर्ट ने FIR का हवाला देते हुए कहा कि शराब मोटरसाइकिल के किसी हिस्से से नहीं, बल्कि पीछे बैठे व्यक्ति के बैग से बरामद हुई। बाइक का मालिक वहां मौजूद नहीं था और उसका वाहन अपराध में इस्तेमाल भी नहीं हुआ। जस्टिस जितेंद्र कुमार की बेंच ने स्पष्ट किया कि वाहन को एक्साइज एक्ट के तहत कथित अपराध में इस्तेमाल किए जाने का सबूत होना आवश्यक है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि जब्त की गई गाड़ियां अक्सर लंबे समय तक खड़ी रहने से जंग खाकर कबाड़ बन जाती हैं। इसलिए बेकसूर मालिकों को परेशान करना और राष्ट्रीय संसाधनों की बर्बादी करना उचित नहीं है।
मौजूदा तथ्यों के आधार पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता की अग्रिम जमानत मंजूर कर दी।