
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर लक्षित हिंसा का मामला सामने आया है। दीपू चंद्र दास की कथित ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर हत्या की घटना के एक दिन बाद, अब एक और हिंदू नागरिक पर हमला हुआ। इस बार लक्ष्य बने गोबिंद बिस्वास, जो खुलना डिवीजन में रिक्शा चलाते हैं।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, गोबिंद के हाथ में लाल धागा देख भीड़ भड़क गई, क्योंकि यह हिंदू समुदाय के लोग आमतौर पर पहनते हैं। भीड़ ने गोबिंद पर हमला कर दिया, जबकि वह बार-बार गुहार लगाता रहा कि वह केवल रिक्शा चालक है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घटनास्थल पर अफवाह फैलाई गई कि गोबिंद भारत के लिए जासूसी करता है और उसका संबंध भारतीय खुफिया एजेंसी RAW से है। इस अफवाह के बाद स्थानीय लोग हिंसक हो गए। गोबिंद को झेनैदाह जिला नगर पालिका के गेट के पास पीटा गया, लेकिन बाद में पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
पुलिस की हिरासत में गोबिंद को सीने और गले में चोटें आई हैं। पुलिस ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि वह कई साल भारत में भी रह चुके हैं। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि उनका भारतीय एजेंसियों से कोई संबंध तो नहीं है।
इस घटना के एक दिन पहले, 18 दिसंबर की शाम को मैमनसिंह के भालुका में फैक्ट्री मजदूर दीपू चंद्र दास की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। दीपू पर पैगंबर मोहम्मद पर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था, लेकिन बाद में अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की किसी टिप्पणी के कोई सबूत नहीं मिले।
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर बढ़ती हिंसा और अफवाहों के कारण फैल रहे डर ने स्थानीय प्रशासन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ा दी है।