
मेरठ: एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए लागू किए जा रहे सख्त ग्रीन नियमों के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कड़ा विरोध जताया है। टिकैत ने चेतावनी दी कि यदि 1 जनवरी से एनसीआर को सील किया गया और किसानों की गाड़ियों के चालान काटे गए, तो किसान इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
चालान का विरोध:
राकेश टिकैत ने कहा, “यदि किसानों की गाड़ियों के चालान किए गए, तो किसान चालान नहीं भरेंगे। अगर हमारी गाड़ियों के चालान होंगे, तो उनका इलाज दूसरा होगा।” उन्होंने बताया कि बीते दो दिनों में दिल्ली में करीब 35 हजार वाहनों के चालान काटे गए हैं, जिनमें कई चालान 20-20 हजार रुपये तक के हैं।
पुरानी गाड़ियों पर सख्ती:
टिकैत ने पुरानी गाड़ियों को लेकर एनसीआर सील करने के फैसले को अन्यायपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यदि दिल्ली के ट्रक मुजफ्फरनगर की सीमा पार कर फैक्ट्रियों तक जाएंगे, तो वापस नहीं आ पाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ग्रीन यूपी और क्लीन यूपी के नारे तो लगा रही है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट है।
आम आदमी भी परेशान:
टिकैत ने न्यायपालिका, वकीलों और पत्रकारों की गाड़ियों का उदाहरण देते हुए कहा कि इनकी गाड़ियां साल भर में मुश्किल से पांच हजार किलोमीटर चलती हैं, फिर भी ग्रीन नियमों के चलते 30 से 40 हजार रुपये तक खर्च करना पड़ता है। आम आदमी की गाड़ियां खड़ी रहती हैं, लेकिन दस साल पूरे होते ही उन्हें बेकार घोषित कर दिया जाता है।
किसानों की फसल सस्ती, जमीन महंगी:
राकेश टिकैत ने देश की आर्थिक नीतियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि देश पूंजीवादी नीति की ओर बढ़ रहा है, जहां पूंजीपतियों को फायदा हो रहा है। किसानों की जमीनें महंगी हो रही हैं, लेकिन उनकी फसल के दाम नहीं बढ़ रहे। उन्होंने इसे किसानों की जमीन छीनने की सोची-समझी साजिश बताया।