
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के हुगली ज़िले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां 27 वर्षीय महिला ने अपनी छह वर्षीय बेटी के साथ कीटनाशक पी लिया। बताया जा रहा है कि महिला को यह डर सता रहा था कि उसका नाम वोटर लिस्ट से काट दिया जाएगा, क्योंकि उसे एसआईआर (Special Identification Report) फॉर्म नहीं मिला था।
🔹 वोटर लिस्ट से नाम कटने के डर में उठाया खौफनाक कदम
जानकारी के अनुसार, महिला आठ साल पहले शादी के बाद से पति से अलग रह रही थी और पिछले पांच सालों से अपने माता-पिता के साथ कानानाडी गांव में रह रही थी। शुक्रवार को उसने अपनी बेटी को कीटनाशक पिलाया और फिर खुद भी पी लिया। परिवार ने जब दोनों को अचेत देखा, तो तुरंत स्थानीय अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से उन्हें एसएसकेएम अस्पताल, कोलकाता रेफर किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि दोनों की हालत गंभीर लेकिन स्थिर है।
🔹 एसआईआर फॉर्म न मिलने से बढ़ा तनाव
महिला के परिजनों का कहना है कि परिवार के बाकी सदस्यों को एसआईआर फॉर्म मिल गया था, लेकिन उसे नहीं मिला। उसे यह डर था कि अगर उसका नाम सूची में नहीं रहेगा तो उसे नागरिकता से जुड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। उसका ससुराल हारपाल गांव में है, जो कानानाडी से करीब 20 किलोमीटर दूर है, और ससुराल पक्ष ने दस्तावेज़ों में कोई मदद नहीं की। इसी मानसिक दबाव में उसने यह चरम कदम उठाया।
🔹 टीएमसी विधायक ने की अस्पताल में मुलाकात
घटना की जानकारी मिलते ही धनीखली की तृणमूल कांग्रेस विधायक असिमा पात्रा शनिवार को पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचीं। उन्होंने बताया कि उन्होंने टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी को घटना की जानकारी दे दी है और पीड़िता को बेहतर इलाज दिलाने के निर्देश दिए गए हैं।
🔹 प्रशासनिक स्तर पर जांच शुरू
घटना के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। अधिकारियों ने कहा कि एसआईआर फॉर्म वितरण प्रक्रिया की समीक्षा की जाएगी ताकि भविष्य में किसी को ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े।
📍 संवाद का सार:
यह मामला एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि सरकारी प्रक्रियाओं में देरी या असमानता कितनी गहरी सामाजिक और मानसिक त्रासदियों को जन्म दे सकती है।