
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण का प्रचार अब खत्म हो गया है। गालियों, नारों और भाषणों की गूंज के बाद अब सिर्फ चर्चा बची है कि कौन नेता कितनी बार बिहार की धरती नापी। प्रचार का युद्धस्तर ऐसा रहा कि शीर्ष नेताओं के दौरे ने पूरे राज्य में हलचल पैदा कर दी।
🔹 मोदी-शाह का प्रचार अभियान
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 14 जनसभाओं और रोड शो के माध्यम से जनता से संवाद किया।
- गृह मंत्री अमित शाह ने 36 जनसभाओं के साथ 150 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में व्यक्तिगत संपर्क भी साधा।
- अमित शाह का प्रचार युद्धस्तर इतना सक्रिय था कि हर विधानसभा क्षेत्र में उनकी मौजूदगी महसूस की गई।
🔹 केंद्रीय और राज्य स्तर के नामवर
- केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह – 21 सभाएं
- भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा – 15 सभाएं
- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी – 7 सभाएं
- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस – 12 सभाएं
- मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव – 17 सभाएं
- दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता – 18 सभाएं
- असम के मुख्यमंत्री हिंमत विश्व शर्मा – 10 सभाएं
- भोजपुरी स्टार पवन सिंह – 41 सभाएं
- दिल्ली सांसद मनोज तिवारी – 37 सभाएं
🔹 प्रचार खत्म, चर्चाएं शुरू
चुनाव प्रचार खत्म होते ही चौराहों पर नया खेल शुरू हो गया है – कैलकुलेशन और चर्चा।
- हेलीकॉप्टर और रोड शो की गिनती
- गाड़ियों के काफिले और खर्च का अनुमान
- प्रचार के नारे और वायरल गानों पर बहस
🔹 पोस्टर-जुगाड़ और तैयारी
प्रचार खत्म होने के बाद कुछ लोग अपने पोस्टरों और प्रचार सामग्री को समेट कर सर्दियों में उसका उपयोग करने की तैयारी कर रहे हैं। यह वर्ग सोच रहा है कि जब जरूरत पड़ेगी, ये फटे पोस्टर फिर से उपयोग किए जा सकेंगे।
बिहार के चुनावी माहौल में प्रचार तो थम गया, लेकिन नामवरों की सक्रियता और जनता में चर्चा का सत्र अभी जारी है।