
भारत और बांग्लादेश के बीच हालिया कूटनीतिक तनाव के बीच सैन्य ताकत की तुलना एक बार फिर चर्चा में है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की मॉब लिंचिंग की घटना के बाद भारत ने कड़ी चिंता जताई है। शेख हसीना सरकार के अपदस्थ होने के बाद से दोनों देशों के संबंधों में खटास देखी जा रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि यदि हालात और बिगड़ते हैं, तो सैन्य शक्ति के पैमाने पर दोनों देश कहां ठहरते हैं?
सैन्य क्षमता में भारत को निर्णायक बढ़त
उपलब्ध वैश्विक सैन्य आंकड़ों के अनुसार, सैन्य संसाधनों, बजट और तकनीकी क्षमता—तीनों ही मोर्चों पर भारत बांग्लादेश से कहीं आगे है। वायुसेना, थलसेना और नौसेना—तीनों अंगों में भारत की बढ़त स्पष्ट दिखाई देती है।
वायुसेना: भारत की आकाशीय बढ़त
वायु शक्ति के लिहाज से भारत की स्थिति अत्यंत मजबूत है। भारत के पास लगभग 1,080 कॉम्बैट एयरक्राफ्ट हैं, जबकि बांग्लादेश के पास यह संख्या करीब 100 के आसपास है। यानी भारतीय वायुसेना बांग्लादेश की तुलना में दस गुना से भी अधिक ताकतवर मानी जाती है।
अटैक हेलीकॉप्टरों के मामले में भी भारत आगे है—भारत के पास करीब 140 आधुनिक अटैक हेलीकॉप्टर हैं, जबकि बांग्लादेश के पास लगभग 24।
थलसेना: टैंकों और संसाधनों में विशाल अंतर
जमीनी युद्ध क्षमता की बात करें तो अंतर और भी स्पष्ट हो जाता है। बांग्लादेश के पास करीब 662 मुख्य युद्धक टैंक हैं, जबकि भारत के पास लगभग 5,978 टैंक मौजूद हैं। सैनिक संसाधनों, भारी हथियारों और लॉजिस्टिक सपोर्ट में भी भारत को रणनीतिक बढ़त हासिल है।
रक्षा बजट: ताकत की असली बुनियाद
सैन्य शक्ति का सबसे बड़ा आधार रक्षा बजट होता है। बांग्लादेश का सालाना रक्षा बजट करीब 0.83 अरब अमेरिकी डॉलर है, जबकि भारत का रक्षा बजट लगभग 42.84 अरब अमेरिकी डॉलर है। यानी भारत का रक्षा खर्च बांग्लादेश से 50 गुना से भी अधिक है। यही अंतर आधुनिक हथियारों, स्वदेशी तकनीक और सैन्य अनुसंधान में भारत की मजबूती को दर्शाता है।
नौसेना: समुद्र में भी भारत आगे
नौसैनिक शक्ति में भारत क्षेत्रीय महाशक्ति के रूप में उभरता है। भारत के पास दो विमानवाहक पोत, 20 से अधिक पनडुब्बियां—जिनमें परमाणु पनडुब्बियां भी शामिल हैं—और दर्जनों अत्याधुनिक युद्धपोत हैं। इसके विपरीत, बांग्लादेश के पास न तो विमानवाहक पोत हैं और न ही पनडुब्बियां। उसकी नौसेना मुख्य रूप से तटीय सुरक्षा तक सीमित है, जिसमें लगभग छह कोरवेट युद्धपोत शामिल हैं।
सैनिकों की संख्या और वैश्विक सूचकांक
सैन्य कर्मियों की संख्या में भी भारत आगे है। प्रति 1,000 आबादी पर भारत में लगभग 2.78 सैन्य कर्मी हैं, जबकि बांग्लादेश में यह आंकड़ा करीब 1.78 है। हालांकि, वैश्विक शांति सूचकांक में बांग्लादेश को अपेक्षाकृत अधिक शांत देश माना गया है, लेकिन सैन्य क्षमता के पैमाने पर भारत की स्थिति कहीं अधिक सशक्त है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, सैन्य ताकत, रक्षा बजट, हथियारों की संख्या और रणनीतिक क्षमता—हर मोर्चे पर भारत बांग्लादेश से कहीं आगे है। विशेषज्ञों का मानना है कि बांग्लादेश की सैन्य संरचना मुख्यतः रक्षात्मक जरूरतों और आंतरिक सुरक्षा तक सीमित है, जबकि भारत की सैन्य शक्ति क्षेत्रीय स्थिरता और रणनीतिक संतुलन बनाए रखने में निर्णायक भूमिका निभाती है।