Monday, December 22

गुजराती स्टूडेंट को मजबूरन रशियन आर्मी में शामिल किया गया, SOS वीडियो में पीएम मोदी से मांगी मदद

गुजरात के मोरबी जिले के एक स्टूडेंट साहिल मोहम्मद हुसैन ने यूक्रेन से वीडियो संदेश भेजकर भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी सुरक्षित वापसी की गुहार लगाई है। यूक्रेनी सेना की गिरफ्त में आया साहिल बताता है कि उसे रशियन आर्मी में भर्ती होने के लिए मजबूर किया गया। वह पहले रूस में स्टूडेंट वीजा पर पढ़ाई कर रहा था और पार्ट-टाइम कूरियर फर्म में काम कर रहा था।

This slideshow requires JavaScript.

ड्रग के झूठे केस में फंसाया गया

साहिल ने बताया कि रूस में उसकी जिंदगी तब मुश्किल में पड़ गई जब उसे ड्रग्स के झूठे केस में फंसाया गया। पुलिस ने उसे धमकी दी कि यदि वह रूसी सेना में शामिल होगा तो केस वापस ले लिया जाएगा। 15 दिन की ट्रेनिंग के बाद उसे फ्रंटलाइन पर भेजा गया, जहां उसने यूक्रेनी सेना के सामने सरेंडर किया। साहिल ने युवाओं से भी अपील की कि वे किसी भी हालत में रशियन मिलिट्री में शामिल न हों, क्योंकि कई स्कैमस्टर झूठे केस में फंसाकर इस तरह धोखा देते हैं।

परिवार ने दिल्ली में दाखिल की याचिका

साहिल के परिवार ने उसकी सुरक्षित वापसी के लिए दिल्ली की अदालत में याचिका दायर की है। अगली सुनवाई फरवरी में होगी। साहिल ने वीडियो में बताया कि आर्थिक और वीजा की परेशानियों के चलते वह कुछ रूसियों के संपर्क में आया, जो नारकोटिक्स से जुड़े थे। उसने जोर देकर कहा कि उसने कोई अपराध नहीं किया।

पीएम मोदी और भारत सरकार से मदद की अपील

वीडियो संदेश में साहिल ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार से अपील की कि उसकी सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित की जाए। इस मामले में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने 5 दिसंबर को जानकारी दी थी कि भारत लगातार उन नागरिकों की रिहाई के लिए सक्रिय प्रयास कर रहा है जो रशियन आर्म्ड फोर्सेज में शामिल हो गए हैं। मिसरी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुद्दे को रूस के राष्ट्रपति के समक्ष उठाया और भारतीय नागरिकों की रिहाई के लिए लगातार प्रयास जारी हैं।

साहिल का यह वीडियो संदेश न केवल उसके लिए मदद की गुहार है, बल्कि विदेशों में पढ़ाई या काम करने वाले भारतीय युवाओं के लिए एक चेतावनी भी है कि किसी भी परिस्थिति में सतर्क और सावधान रहें

Leave a Reply