
नई दिल्ली: सर्दियों में बच्चों को खांसी, जुकाम और बुखार होना आम है, लेकिन माता-पिता को इसे हमेशा सामान्य फीवर समझना ठीक नहीं है। कई बार यह बुखार गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है। अंकुरा हॉस्पिटल, हैदराबाद के कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन और पीडियाट्रिक एलर्जी स्पेशलिस्ट, डॉ. आनंद सुभाष वानी के अनुसार, खासतौर पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों में तेज बुखार, ठंड लगना, शरीर में दर्द और अत्यधिक थकान जैसे लक्षण इन्फ्लुएंजा या अन्य गंभीर रोगों का संकेत हो सकते हैं।
बच्चों में बुखार के कारण बनने वाली 3 गंभीर बीमारियां:
- निमोनिया (Pneumonia): बुखार और फ्लू से बच्चों के फेफड़ों पर असर पड़ सकता है, जिससे सांस लेने में परेशानी और गंभीर संक्रमण हो सकता है।
- कान का इंफेक्शन (Ear Infection): सर्दियों में बुखार से कान में संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे दर्द और सुनने में परेशानी हो सकती है।
- साइनस की समस्या (Sinus Issues): नाक और साइनस में संक्रमण से सर्दी और बुखार बढ़ सकता है और सांस लेने में कठिनाई पैदा हो सकती है।
खतरनाक केसेज:
- अस्थमा: बुखार और फ्लू से सांस लेने में घरघराहट और सीने में जकड़न बढ़ सकती है।
- डायबिटीज: बुखार और भूख कम होने से ब्लड शुगर का संतुलन बिगड़ सकता है।
- न्यूरोलॉजिकल समस्याएं: फ्लू मांसपेशियों की ताकत और निगलने/सांस लेने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
डॉक्टरों की सलाह है कि बच्चों में बुखार के साथ अगर सांस लेने में दिक्कत, तेज बुखार, लगातार थकान या गंभीर लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें। सर्दियों में बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण उन्हें अतिरिक्त सतर्कता और समय पर इलाज की जरूरत होती है।