
पटना: प्रचंड बहुमत से सत्ता में लौटे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नई सरकार ने एक महीने के अंदर ही रोजगार के मोर्चे पर कमाल कर दिखाया है। सरकार ने बेरोज़गार युवाओं और महिलाओं के लिए बड़े पैमाने पर नियुक्तियों का पिटारा खोल दिया है। शुरुआती 10 दिन में ही पांच वर्ष के वादों का ट्रेलर दिखाई देने लगा।
महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में पहल
चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हर महिला को ₹10,000 देने का वादा किया था। अब सरकार ने 10 लाख महिलाओं को दूसरी किश्त जारी कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में पहला कदम उठाया है।
आयुष चिकित्सकों को मिली नौकरी
सरकार ने 1,283 नवनियुक्त आयुष चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र सौंपे। इनमें 685 आयुर्वेदिक, 393 होम्योपैथिक और 205 यूनानी चिकित्सक शामिल हैं। इन चिकित्सकों को राज्य के 38 जिलों में स्वास्थ्य संस्थानों में पदस्थ किया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं दस चिकित्सकों को सांकेतिक रूप से नियुक्ति पत्र सौंप कर इस प्रक्रिया की शुरुआत की।
वन विभाग में रोजगार के अवसर
बिहार के वन एवं पर्यावरण विभाग ने 2,856 पदों पर भर्ती का निर्णय लिया है। इसमें सहायक वन संरक्षक, वन क्षेत्र पदाधिकारी, वनपाल, वनरक्षी, आशुलिपिक, अमीन, लिपिक, परिचारी और वाहन चालक के पद शामिल हैं। वर्षों से खाली पड़े इन पदों पर अब सीधी बहाली प्रक्रिया तेज़ कर दी गई है।
स्वास्थ्य विभाग में 10 हजार पदों पर बहाली
स्वास्थ्य विभाग ने लगभग 10,000 पदों पर भर्ती निकाली है। इनमें लैब टेक्नीशियन, शल्य कक्ष सहायक, ईसीजी और एक्स-रे टेक्नीशियन, रेडियोलॉजिस्ट, साइकैट्रिस्ट, गायनाकोलॉजिस्ट, फिजिशियन, पैथोलॉजिस्ट, पेडिएट्रिशियन, आर्थोपेडिस्ट, ईएनटी, डर्मेटोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिस्ट, सर्जन और ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट समेत कई विशेषज्ञ पद शामिल हैं।
नीतीश सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि नौकरी और रोजगार सिर्फ चुनावी वादे नहीं बल्कि लगातार क्रियान्वित किए जाएंगे। राज्य की जनता अब 5 साल के विकास और रोजगार के वास्तविक ट्रेलर का आनंद लेने लगी है।