Saturday, December 20

बांग्लादेश में भारत-विरोधी छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी का अंतिम संस्कार, राजधानी में भारी सुरक्षा और हिंसा जारी

ढाका: बांग्लादेश में छात्र नेता और भारत-विरोधी रुख के लिए जाने जाने वाले शरीफ उस्मान हादी का आज अंतिम संस्कार किया जा रहा है। हादी 2024 के छात्र आंदोलन के प्रमुख चेहरा रहे, जिसने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के खिलाफ राजनीतिक हलचल मचाई थी। उनका नाम विवादित ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ नक्शों और भारत-विरोधी बयानों के लिए भी जाना जाता था।

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हादी की हत्या 12 दिसंबर को ढाका में हुई थी, जब वे जुमे की नमाज के बाद ई-रिक्शा से लौट रहे थे। सिर में गोली लगने के बाद उन्हें पहले ढाका में भर्ती कराया गया, लेकिन हालत गंभीर होने पर सिंगापुर ले जाया गया, जहां गुरुवार को उनका निधन हो गया। उनकी हत्या को अगले साल फरवरी में होने वाले आम चुनावों से जोड़कर राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील माना जा रहा है।

हादी की मौत के बाद ढाका और अन्य शहरों में हिंसा और आगजनी की घटनाएं भड़क उठीं। भीड़ ने कई इलाकों में घरों और प्रतिष्ठानों को आग के हवाले किया। अवामी लीग पार्टी से जुड़े नेताओं और पूर्व मंत्रियों के घरों पर हमले की भी खबरें हैं।

अंतिम संस्कार से पहले राजधानी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। नेशनल पार्लियामेंट बिल्डिंग के साउथ प्लाजा में दोपहर 2 बजे होने वाली अंतिम संस्कार प्रार्थना के दौरान ड्रोन और अन्य हवाई साधनों पर प्रतिबंध लगाया गया है।

सरकार ने राजकीय शोक घोषित किया है और सेना को तैनात किया गया है। पुलिस ने दो संदिग्धों की तस्वीरें जारी कर 42 हजार डॉलर का इनाम घोषित किया है। देश की अंतरिम सरकार ने संयम बनाए रखने की अपील की है, लेकिन हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। ढाका में बंगबंधु मेमोरियल म्यूजियम, अवामी लीग कार्यालय और चटगांव में भारतीय उच्चायोग के आवास पर भी हमले हुए हैं।

इंकलाब मंच के प्रवक्ता के अनुसार हादी को राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम की कब्र के पास दफनाया जाएगा। हादी की मौत ने बांग्लादेश में राजनीतिक और सामाजिक तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है।

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