
वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि ‘भारत ने रूस से तेल खरीदना लगभग बंद कर दिया है।’ उन्होंने मोदी को ‘महान व्यक्ति’ बताते हुए उनकी प्रशंसा की, लेकिन साथ ही भारत पर व्यापार और आर्थिक दबाव बनाने का संकेत भी दिया।
विशेषज्ञ इसे ट्रंप की ‘डबल गेम डिप्लोमेसी’ कहते हैं। भारत के रणनीतिक विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने इसे ट्रंप की प्रसिद्ध किताब “The Art of the Deal” (1987) में वर्णित रणनीति का हिस्सा बताया। चेलानी के अनुसार, ट्रंप की भारत रणनीति दोहरी है:
- आर्थिक दबाव डालना – व्यापार संतुलन, रक्षा खरीद और ऊर्जा आयात जैसे मुद्दों पर कड़ा रुख।
- प्रशंसा और चापलूसी – मोदी की तारीफ करके विश्वास और रिश्तों की सतह को सकारात्मक बनाए रखना।
चेलानी ने लिखा कि ट्रंप के लिए सौदेबाजी का मतलब कभी-कभी अतिशयोक्ति करना, चापलूसी करना और कठोर रवैया अपनाना भी होता है। यह रणनीति चीन, मैक्सिको और उत्तर कोरिया के साथ अमेरिका की विदेश नीति में सामान्य रूप से इस्तेमाल होती रही है। अब भारत के मामले में भी वही फार्मूला अपनाया जा रहा है।
हाल ही में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच व्यापार वार्ता बहुत अच्छी चल रही है, जिससे यह संदेश देने की कोशिश की गई कि उनकी आक्रामक कूटनीति सफल हो रही है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप का यह तरीका ‘दबाव और प्रशंसा’ दोनों का संयोजन है, जो उसे सौदा निकालने और अपने लक्ष्य तक पहुँचने में मदद करता है। भारत के लिए यह रणनीति चुनौतीपूर्ण है क्योंकि इसमें अपने हितों की रक्षा करते हुए भी अमेरिका के दबाव और रणनीतिक खेल को समझना आवश्यक है।