Friday, November 7

बीएमसी चुनाव: कांग्रेस से उम्मीदवार बोले — “मुझे मेरा पैसा लौटा दो”दो साल पहले उम्मीदवारी के लिए 5,500 रुपये जमा कराए थे, अब फिर वही डिमांड!

मुंबई।
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। दो साल पहले नगरसेवक पद के लिए उम्मीदवार बनने के इच्छुक लोगों से पार्टी ने फार्म के साथ 5,500 रुपये (500 रुपये फॉर्म शुल्क और 5,000 रुपये डिपॉजिट) लिए थे। लेकिन चुनाव टल जाने के बाद अब वही उम्मीदवार कांग्रेस से अपना पैसा वापस मांग रहे हैं, क्योंकि पार्टी ने एक बार फिर उम्मीदवारों से उतनी ही रकम जमा कराने की शर्त रखी है।

इस मामले ने कांग्रेस के अंदर ही घमासान मचा दिया है।
पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं और पूर्व इच्छुक उम्मीदवारों का कहना है कि –

“जब हमने दो साल पहले ही पार्टी के निर्देश पर फार्म और डिपॉजिट जमा कर दिया था, तो अब फिर से पैसा क्यों दें?”

कांग्रेस की सफाई

कांग्रेस प्रवक्ता सुरेश राजहंस का कहना है कि उन्हें इस विषय की विस्तृत जानकारी नहीं है, और इस पर निर्णय पार्टी नेतृत्व ही लेगा।

700 से ज्यादा लोगों ने भरे थे फॉर्म

सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2022 में बीएमसी चुनाव की संभावना के बीच कांग्रेस ने नगरसेवक पद के लिए आवेदन मंगवाए थे।
तब 227 सीटों के लिए करीब 700 से अधिक लोगों ने फार्म भरे थे।
चुनाव नहीं होने के बाद अब इन दो वर्षों में राज्य की सियासत में काफी बदलाव आया है —
कई उम्मीदवार कांग्रेस छोड़कर अन्य दलों में शामिल हो चुके हैं, कुछ सक्रिय राजनीति से दूर हो गए हैं, जबकि कुछ फिर से टिकट की उम्मीद कर रहे हैं।

“पैसा लौटाओ” की मांग तेज

वरली क्षेत्र के सुभाष यादव ‘बरफ वाले’, जो कभी कांग्रेस के सक्रिय नेता थे, ने भी उस वक्त 5,000 रुपये डिपॉजिट कराया था। अब वे शिंदे गुट में शामिल हैं और कांग्रेस से अपनी जमा राशि लौटाने की मांग कर रहे हैं।
सुभाष की तरह कई अन्य पूर्व कार्यकर्ता भी पार्टी से अपनी राशि वापसी की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अब तक किसी को पैसा नहीं लौटाया गया है।

नई प्रक्रिया में फिर वही शर्तें

अब जब बीएमसी चुनाव की प्रक्रिया एक बार फिर शुरू हो चुकी है, कांग्रेस पार्टी ने नए सिरे से इच्छुक उम्मीदवारों से फॉर्म के साथ 5,500 रुपये जमा कराने की मांग की है।
पार्टी प्रवक्ता सुरेशचंद्र राजहंस के अनुसार —

“अब तक 1,150 से अधिक लोगों ने कांग्रेस से चुनाव लड़ने के लिए आवेदन फॉर्म भरे हैं।”

पुरानों की नाराजगी बढ़ी

जो उम्मीदवार दो साल पहले राशि जमा कर चुके हैं, उनका कहना है —

“अगर हमारी पहले की जमा राशि का हिसाब नहीं दिया जा रहा, तो नए उम्मीदवारों से फिर पैसा क्यों लिया जा रहा है?”

पार्टी नेतृत्व की चुप्पी के बीच यह मुद्दा अब कांग्रेस के अंदरूनी असंतोष का कारण बन गया है।
बीएमसी चुनाव की गहमागहमी के बीच “मुझे मेरा पैसा लौटा दो” का यह नारा अब पार्टी दफ्तरों के गलियारों में गूंजने लगा है।

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