
प्रतापगढ़ / नई दिल्ली। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के नेतृत्व में दिल्ली (इंद्रप्रस्थ) से वृंदावन तक “सनातन हिंदू एकता पदयात्रा” का शुभारंभ 7 नवंबर से हो रहा है, जो 16 नवंबर तक चलेगी। इस दस दिवसीय पदयात्रा में देशभर से साधु-संत, आचार्य और सनातन धर्म के अनुयायी शामिल होंगे।
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भैया’ ने सभी सनातनियों से एकजुट होकर इस यात्रा में सम्मिलित होने की अपील की है। उन्होंने कहा — “यह यात्रा किसी एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे हिंदू समाज की है। जो भी हिंदुत्ववादी विचारधारा में विश्वास रखता है, वह एक दिन के लिए ही सही, इस यात्रा का हिस्सा अवश्य बने।”
🔸 धर्म ध्वज के साथ होगी शुरुआत
पदयात्रा का शुभारंभ इंद्रप्रस्थ, दिल्ली से होगा। साधु-संतों द्वारा धर्म ध्वज सौंपने के बाद राष्ट्रगान, हनुमान चालीसा का पाठ और “हिंदू एकता की शपथ” कार्यक्रम के साथ यात्रा रवाना होगी। यह यात्रा वृंदावन में भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर समापन के साथ विशाल संत सम्मेलन में परिवर्तित होगी।
🔸 राजा भैया बोले — जातिवाद को मिटाना ही असली सनातन धर्म
राजा भैया ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य हिंदुओं में जागरूकता लाना, जातिवाद को समाप्त करना और सनातन धर्म की एकता को सुदृढ़ बनाना है। उन्होंने कहा —
“हमारा संदेश है — जाति-पात की करो विदाई, हम सब हिंदू भाई-भाई। जातिवाद हिंदू समाज की सबसे बड़ी कमजोरी है। यह यात्रा समाज में भेदभाव मिटाने और एकता स्थापित करने का प्रयास है।”
इसके साथ ही यात्रा में यमुना मैया की स्वच्छता, श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण, और धर्म-संस्कृति की रक्षा जैसे मुद्दों को प्रमुखता दी जाएगी।
🔸 धीरेंद्र शास्त्री ने की थी राजा भैया की प्रशंसा
पिछले वर्ष झांसी में आयोजित सनातन पदयात्रा में भी राजा भैया ने भाग लिया था। उस समय बाबा बागेश्वर ने उनकी प्रशंसा करते हुए कहा था —
“राजा भैया का स्वभाव अत्यंत विनम्र है। वे सच्चे हनुमान भक्त और सनातन प्रेमी हैं। सनातन की रक्षा और समाज कल्याण के लिए निरंतर सोचते रहते हैं।”
🔸 सनातन एकता का संदेश देश-विदेश तक
इस यात्रा के माध्यम से बागेश्वर धाम सरकार और राजा भैया दोनों ही सनातनियों से जातिवाद, विभाजन और मतभेद छोड़कर एक सूत्र में बंधने का आह्वान कर रहे हैं। उनके अनुसार, “हिंदू एकता ही राष्ट्र की असली शक्ति है।”
तथ्यात्मक झलकियाँ:
- यात्रा अवधि: 7 से 16 नवंबर 2025
- मार्ग: दिल्ली से वृंदावन तक
- उद्देश्य: हिंदू एकता, जातिवाद समाप्ति, श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भव्य मंदिर, यमुना स्वच्छता
- प्रमुख सहभागी: पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, राजा भैया, संत-महामंडलेश्वर, आचार्यगण
यह यात्रा न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि सनातन एकता, संस्कृति और सामाजिक जागरण का प्रतीक बनकर उभरने जा रही है।