
गाजियाबाद में हाईराइज सोसायटियों की पार्किंग अब चोरों के नए ठिकाने बनते जा रहे हैं। हाल के मामलों में यह सामने आया है कि चोरी की गई कारें सोसायटियों या सार्वजनिक पार्किंग में खड़ी कर दी जाती हैं, जिन्हें बाद में मौका पाकर चोर फिर से उठा ले जाते हैं। दिल्ली में हाल ही में सामने आए एक ऐसे ही मामले ने गाजियाबाद की सोसायटियों के निवासियों और पुलिस दोनों की नींद उड़ा दी है।
🚨 सिद्धार्थ विहार में दिल्ली से चोरी की कार बरामद
हाल ही में सिद्धार्थ विहार स्थित टीएंडटी होम्स सोसायटी में दिल्ली से चोरी की गई कार सोसायटी की पार्किंग में खड़ी मिली। चोर बड़ी चालाकी से सोसायटी में दाखिल हुए, कार पार्क की और लिफ्ट में कपड़े बदलकर फरार हो गए।
इस घटना ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी, बल्कि यह भी दिखाया कि MyGate ऐप और स्टिकर सिस्टम के बावजूद बिना रजिस्ट्रेशन गाड़ियां आसानी से अंदर आ जा रही हैं।
🧾 MyGate और स्टिकर सिस्टम पर सवाल
कई सोसायटियों में पार्किंग प्रबंधन के लिए MyGate ऐप और RFID टैग जैसी तकनीकें लागू की गई हैं।
- बिना स्टिकर की गाड़ियां “विज़िटर एंट्री” के रूप में दर्ज होती हैं।
- किरायेदार या फ्लैट बदलने पर नया स्टिकर अलॉट किया जाता है।
- बूम बैरियर RFID से ऑटोमेटिक खुलता है।
इसके बावजूद बाहरी और संदिग्ध वाहनों का प्रवेश आम बात बन गया है। RWA की निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
🕵️ लंबे समय से खड़ी गाड़ियों पर कार्रवाई होगी
कई सोसायटियों में ऐसी गाड़ियां महीनों तक खड़ी रहती हैं, जिनके मालिक या किरायेदार अब वहां नहीं रहते।
अब पुलिस, RWA और सिक्योरिटी एजेंसी संयुक्त रूप से निगरानी करेंगी।
- लंबे समय से खड़ी गाड़ियों की पहचान कर नोटिस जारी किए जाएंगे।
- दो महीने से अधिक पार्क की गाड़ियों पर ₹2000 मासिक शुल्क लगाया जाएगा।
- कमर्शल वाहनों को पार्किंग की अनुमति नहीं होगी।
👮 पुलिस शुरू करेगी चेकिंग अभियान
अडिशनल सीपी (यातायात व लॉ एंड ऑर्डर) आलोक प्रियदर्शी ने बताया,
“वाहन चोरी रोकथाम के तहत सभी टीआई और टीएसआई को अपने क्षेत्र की पार्किंग में अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।
सुरक्षा एजेंसियों और नगर निगम के साथ समन्वय कर सभी सोसायटी पार्किंग की जांच की जाएगी।”
नगर निगम को भी पत्र भेजा गया है ताकि निगम पार्किंग की नियमित जांच सुनिश्चित हो सके।
🏢 गाजियाबाद में 250 से अधिक सोसायटियां
जिले में 250 से अधिक रेजिडेंशियल सोसायटियां और 11 नगर निगम पार्किंग हैं।
RWA फेडरेशन ऑफ गाजियाबाद और ट्रांस हिंडन कन्फेडरेशन का कहना है कि
“अगर पुलिस और सिक्युरिटी एजेंसियां नियमित जांच करें तो चोरी की कई गाड़ियां बरामद की जा सकती हैं।”
🧩 चोरों की नई रणनीति
मेरठ के सोतीगंज वाहन कटान बाजार बंद होने के बाद अब चोर अपनी रणनीति बदल चुके हैं। वे चोरी की गाड़ियों को सोसायटियों, मॉल पार्किंग और खाली प्लॉट्स में छिपाते हैं, और जब मामला ठंडा पड़ जाता है तो उन्हें मौके देखकर उठा ले जाते हैं।
🔒 RWA और निवासियों को अलर्ट किया गया
शालीमार सिटी के एओए सचिव राजेश कुमार झा ने बताया,
“केवल स्टिकर या RFID टैग वाली गाड़ियों को ही प्रवेश की अनुमति है।
बिना स्टिकर वाहनों की जानकारी तुरंत दर्ज कर निवासी से पुष्टि की जाती है।
सीसीटीवी से 24 घंटे निगरानी रहती है और गाड़ियों का नंबर सत्यापन साप्ताहिक रूप से किया जाता है।”
⚠️ निष्कर्ष
अब समय है कि सोसायटी निवासी और RWA अपनी सुरक्षा व्यवस्था पर दोबारा गौर करें।
अगर पार्किंग में कोई अनजान या लंबे समय से खड़ी गाड़ी दिखे तो तुरंत पुलिस और प्रबंधन को सूचित करें।
क्योंकि अगली चोरी आपके सोसायटी गेट के भीतर भी हो सकती है।