
नई दिल्ली। टीम इंडिया टी20 क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन कर रही है, लेकिन कप्तान सूर्यकुमार यादव की खराब फॉर्म अब टीम मैनेजमेंट के लिए सबसे बड़ी चिंता बनती जा रही है। कटक में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में भी सूर्या का बल्ला खामोश रहा और इसी के साथ उनके नाम कई शर्मनाक आंकड़े भी दर्ज हो गए।
सूर्या की फॉर्म पर बढ़ी चिंता
भारत को पहले बल्लेबाजी का आमंत्रण मिला। तीसरे ओवर में सूर्यकुमार यादव ने लुंगी एनगिडी पर एक चौका और एक शानदार छक्का जरूर लगाया, लेकिन जल्द ही लापरवाही भरा शॉट खेलकर अपना विकेट गंवा बैठे।
- 11 गेंदों पर 12 रन,
- लॉन्ग-ऑन पर एडन मार्करम के हाथों कैच,
- और एक बार फिर कप्तान की फॉर्म पर बड़ा सवाल।
टी20 विश्व कप 2026 की तैयारी कर रही टीम के लिए कप्तान का इस तरह लगातार विफल होना चिंता का विषय है।
पूरा साल बेदम—एक भी फिफ्टी नहीं
2025 सूर्यकुमार यादव के लिए अब तक बेहद निराशाजनक रहा है।
- इस पूरे साल उन्होंने एक भी अर्धशतक नहीं लगाया।
- उनका सर्वोच्च स्कोर 47 रहा, जो उन्होंने एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ बनाया था।
- 16 पारियां, सिर्फ 196 रन,
- औसत मात्र 15.07,
- स्ट्राइक रेट 126.45।
टी20I में इस साल कम से कम 50 रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाजों में सूर्या का औसत सबसे खराब है।
2025 में भारतीय बल्लेबाजों के सबसे खराब टी20I औसत
- सूर्यकुमार यादव – 196 रन, औसत 15.6
- संजू सैमसन – 185 रन, औसत 18.50
- अक्षर पटेल – 139 रन, औसत 19.85
- शिवम दुबे – 159 रन, औसत 22.71
- हार्दिक पंड्या – 160 रन, औसत 22.85
कप्तान के तौर पर भी रिकॉर्ड शर्मनाक
सबसे चिंताजनक पहलू है—कप्तान के रूप में सूर्या की बल्लेबाजी में आई गिरावट।
टी20I में किसी भारतीय कप्तान का एक कैलेंडर वर्ष में इतना कम बल्लेबाजी औसत इससे पहले दर्ज नहीं हुआ था।
टी20I में एक वर्ष में भारतीय कप्तान द्वारा सबसे कम औसत
- 15.67 – सूर्यकुमार यादव (2025)
- 23.00 – एमएस धोनी (2009)
- 23.50 – हार्दिक पंड्या (2023)
- 24.29 – रोहित शर्मा (2022)
- 25.55 – सूर्यकुमार यादव (2024)
सूर्या का नाम इस सूची में सबसे ऊपर है—जो उनकी वर्तमान स्थिति की गंभीरता को साफ बताता है।
टीम जीत रही, लेकिन कप्तान पर बढ़ता दबाव
बेशक टीम इंडिया मैच जीत रही है, लेकिन कप्तान का लगातार फ्लॉप होना आने वाले महीनों में समस्या खड़ी कर सकता है।
टी20 विश्व कप में भारत मजबूत दावेदार बनना चाहता है, लेकिन इसके लिए सूर्यकुमार यादव को अपनी पुरानी चमक वापस लानी होगी। सवाल यह है—क्या सूर्या समय रहते फॉर्म में लौट पाएंगे या फिर टीम को बड़े फैसले लेने पड़ेंगे?
