Friday, November 7

बिहार चुनाव में पीएम मोदी का नया मिशन — अररिया की 6 में 6 सीटें जीतने का संकल्प!

पटना।
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अररिया जिले के फारबिसगंज से एनडीए का चुनावी बिगुल फूंका। यह वही मैदान है जहां से पीएम मोदी अब तक छठी बार चुनावी रैली कर चुके हैं।
इस बार पीएम मोदी ने अररिया को विशेष रूप से टारगेट किया है — क्योंकि 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए को यहां की 6 में से केवल 4 सीटों पर जीत मिली थी। बाकी दो सीटें महागठबंधन और एआईएमआईएम के खाते में गई थीं। सवाल अब यह है कि क्या 2025 में पीएम मोदी का करिश्मा अररिया की 6 में 6 सीटों पर एनडीए की जीत का परचम लहरा सकेगा?

अररिया जिले की 6 विधानसभा सीटों पर समीकरण

1. नरपतगंज सीट — बीजेपी का मजबूत किला

2020 में बीजेपी के जयप्रकाश यादव ने यहां 29 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी। इस बार पार्टी ने देवंती देवी को टिकट दिया है, जबकि राजद ने मनीष यादव को उतारा है। मुकाबला दिलचस्प लेकिन बीजेपी को बढ़त में माना जा रहा है।

2. रानीगंज (सु) सीट — पुराने दिग्गजों की टक्कर

यह सीट जेडीयू के अचमिच ऋषिदेव के पास है, जिन्होंने 2020 में राजद के अविनाश मंगलम को लगभग 6 हजार वोटों से हराया था। इस बार भी दोनों में सीधा मुकाबला है।

3. फारबिसगंज सीट — मोदी रैली से बढ़ी गर्मी

बीजेपी ने एक बार फिर विद्यासागर केसरी पर भरोसा जताया है, जबकि कांग्रेस ने मनोज विश्वास को उतारा है। पिछली बार कांग्रेस को यहां लगभग 22 हजार वोटों से हार मिली थी। पीएम मोदी की रैली से यहां बीजेपी कार्यकर्ताओं में नया जोश देखा जा रहा है।

4. अररिया सीट — जेडीयू की प्रतिष्ठा दांव पर

2020 में कांग्रेस के आबिदुर रहमान ने जेडीयू की शगुफ्ता अजीम को 48 हजार वोटों से हराया था। इस बार जेडीयू ने फिर शगुफ्ता पर दांव लगाया है। यह सीट एनडीए के लिए “रीक्लेम मिशन” का केंद्र बनी हुई है।

5. सिकटी सीट — एनडीए की रणनीति सीट

यह सीट बीजेपी के विजय मंडल के पास है, जिन्होंने 2020 में राजद के शत्रुघ्न सुमन को 14 हजार वोटों से हराया था। इस बार वीआईपी ने हरिनारायण प्रमाणिक को उतारा है, जिससे समीकरण बदल सकते हैं।
एनडीए ने यहां के लिए अलग रणनीति टीम बनाई है।

6. जोकीहाट सीट — दल बदल के बाद दिलचस्प मुकाबला

2020 में एआईएमआईएम के शाहनवाज आलम ने राजद के सरफराज आलम को हराया था, लेकिन बाद में शाहनवाज ने राजद का दामन थाम लिया। अब जेडीयू ने मंजर आलम को उम्मीदवार बनाया है, जिससे मुकाबला एक बार फिर कांटे का हो गया है।

मोदी मिशन अररिया: क्या पूरी होंगी 6 में 6 की उम्मीदें?

एनडीए इस बार अररिया जिले की सभी छह सीटों पर विजय सुनिश्चित करने के लिए विशेष रणनीति और बूथ-स्तरीय प्रबंधन पर काम कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी की फारबिसगंज रैली को “अररिया विजय अभियान” की शुरुआत माना जा रहा है।

चुनावी पंडितों का मानना है कि अगर मोदी फैक्टर ने असर दिखाया, तो अररिया जिला इस बार एनडीए के लिए “मिनी मॉडल ऑफ विक्ट्री” साबित हो सकता है।

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