Friday, November 7

तेल और हीरे के देश की ओर भारत का कूटनीतिक कदम — राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी की अफ्रीकी यात्राएं क्यों हैं खास?

नई दिल्ली।
भारत अफ्रीका के साथ अपने रणनीतिक, आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की तैयारी में है। इसी कड़ी में नवंबर का महीना भारत-अफ्रीका रिश्तों के लिहाज से बेहद अहम साबित होने जा रहा है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 8 से 13 नवंबर तक अंगोला और बोत्सवाना की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा पर जा रही हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22-23 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।

अफ्रीका के दो खजाने — तेल और हीरे

राष्ट्रपति मुर्मू की यह यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक है।
👉 अंगोला, जो अफ्रीका का प्रमुख तेल उत्पादक देश है, भारत के लिए ऊर्जा साझेदारी का नया द्वार खोल सकता है।
👉 वहीं बोत्सवाना, दुनिया के सबसे बड़े हीरा उत्पादक देशों में शामिल है, जहां भारत के जेम्स और ज्वेलरी उद्योग के लिए अपार संभावनाएं हैं।

भारत की “ग्लोबल साउथ” रणनीति का हिस्सा

विदेश मंत्रालय के सचिव (आर्थिक संबंध) सुधाकर दलेला के अनुसार, “अफ्रीकी महाद्वीप के साथ भारत का जुड़ाव ग्लोबल साउथ देशों के बीच नेतृत्व की भूमिका को और मजबूत करेगा।”
राष्ट्रपति मुर्मू अपनी यात्रा के दौरान अंगोला के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगी और 11 नवंबर को अंगोला के स्वतंत्रता दिवस समारोह (आजादी की 50वीं वर्षगांठ) में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगी।
साथ ही वे अंगोला की संसद को भी संबोधित करेंगी — जो किसी भारतीय राष्ट्रपति के लिए ऐतिहासिक क्षण होगा।

राष्ट्रपति के बाद पीएम मोदी का कूटनीतिक मिशन

राष्ट्रपति की यात्रा के लगभग दस दिन बाद प्रधानमंत्री मोदी जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने दक्षिण अफ्रीका जाएंगे।
सूत्रों के अनुसार, इस दौरान पीएम मोदी कुछ अन्य अफ्रीकी देशों की भी यात्रा कर सकते हैं, जहां निवेश, ऊर्जा सुरक्षा, और डिजिटल साझेदारी जैसे मुद्दों पर बातचीत होगी।

भारत-अफ्रीका संबंधों का नया युग

भारत अफ्रीका में स्वास्थ्य, शिक्षा, डिजिटल कनेक्टिविटी, रक्षा और व्यापार के क्षेत्र में पहले से ही सक्रिय है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की यह यात्राएं इस सहयोग को “ऊर्जा और खनिज साझेदारी से कूटनीतिक मजबूती” की दिशा में निर्णायक कदम साबित कर सकती हैं।

तेल, हीरे और विश्वास — यही है भारत-अफ्रीका साझेदारी का नया त्रिकोण।

Leave a Reply