
सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग की उपस्थिति में सोमवार को लव जिहाद से पीड़ित युवक शुभम गोस्वामी की शास्त्रोक्त हिंदू धर्म में घरवापसी प्राचीन गुफा मंदिर में विधि-विधान से सम्पन्न हुई। महंत श्री रामप्रवेश दास महाराज के सानिध्य में पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार, हवन, शुद्धिकरण, गंगाजल-अभिषेक और उपनयन संस्कार सहित सभी अनुष्ठान कर शुभम को पुनः हिंदू धर्म में लौटाया गया।
“लव जिहाद बर्दाश्त नहीं, पीड़ितों के साथ सरकार खड़ी है” — मंत्री सारंग
घरवापसी कार्यक्रम में मंत्री श्री सारंग ने कहा कि लव जिहाद, धमकी, प्रलोभन या दबाव के जरिए किया गया धर्मांतरण समाज और संविधान—दोनों के खिलाफ है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ऐसे अपराधों के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति पर काम कर रही है।
मंत्री सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत जबरन, धोखे से या विवाह के बहाने किए जाने वाले धर्मांतरण पर सख्त कार्रवाई हो रही है और आगे भी जारी रहेगी। सरकार ने पीड़ितों को कानूनी, सामाजिक तथा प्रशासनिक स्तर पर हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।
मंत्री सारंग के आदेश पर FIR दर्ज, आरोपी जेल भेजे गए
जनदर्शन के दौरान युवक शुभम गोस्वामी ने अपनी आपबीती सुनाई। उसने बताया कि दो वर्ष पहले एक मुस्लिम युवती के प्रेमजाल में फंसकर उसे धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया। परिवार द्वारा दबाव, जान से मारने की धमकियाँ, गौमांस खाने के लिए मजबूर करना, 180 दिनों तक जमात में भेजकर मानसिक रूप से तोड़ने की कोशिश और सुनियोजित तरीके से जेल भेजने तक की साजिश रची गई।
शिकायत सुनते ही मंत्री सारंग ने तत्काल पुलिस अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए। परिणामस्वरूप तीनों आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई और सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
शास्त्रानुसार सम्पन्न हुई घरवापसी
शुभम की घरवापसी में मंदिर परिसर में हवन, शुद्धिकरण, गोपूजन, गंगाजल-अभिषेक, मुंडन, उपनयन एवं गुरुदीक्षा सहित सभी वैदिक अनुष्ठान किए गए। पूरे कार्यक्रम में आध्यात्मिक वातावरण और वैदिक मंत्रों की ध्वनि गुंजती रही।
मंत्री सारंग ने दिलाया न्याय, पीड़ित जताई कृतज्ञता
शुभम ने कहा कि मंत्री सारंग ने उसकी बात गंभीरता से सुनकर न केवल सुरक्षा प्रदान की, बल्कि उसे न्याय दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई। उसने कहा कि दो साल के मानसिक और धार्मिक उत्पीड़न से निकलकर आज वह अपने धर्म में वापस आने पर खुद को सुरक्षित और सम्मानित महसूस कर रहा है।
