
ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध नगर जिले की विशेष अदालत ने संगठित अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए कुख्यात अपराधी सुंदर भाटी समेत 10 आरोपियों को गैंगस्टर एक्ट के तहत 9-9 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने सभी दोषियों पर 20-20 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया। जुर्माना न देने की स्थिति में प्रत्येक आरोपी को दो माह अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
सबसे बड़ी बात यह रही कि सुंदर भाटी को सजा तो मिली, लेकिन जेल भेजने की आवश्यकता नहीं पड़ी, क्योंकि पुलिस के मुताबिक वह इस मामले में अपनी सजा पहले ही पूरी कर चुका है। इस आधार पर अदालत ने उसे रिहा कर दिया।
‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ का बड़ा परिणाम
उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर चल रहे विशेष अभियान ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ के तहत अपराधियों के खिलाफ प्रभावी पैरवी की जा रही है। इसी कड़ी में थाना कासना पुलिस, मॉनिटरिंग सेल और अभियोजन इकाई की मजबूत दलीलों के बाद यह महत्वपूर्ण फैसला सामने आया है।
पुलिस कमिश्नरेट गौतमबुद्ध नगर ने इसे संगठित अपराध के खिलाफ बड़ी सफलता बताया है।
किन-किन को मिली सजा?
अदालत ने जिन 10 आरोपियों को दोषी करार दिया है, वे हैं—
- सुंदर भाटी, निवासी घंघोला
- सिंहराज, निवासी रामपुर माजरा
- विकास पंडित, निवासी रिठौरी
- योगेश, निवासी दादूपुर
- ऋषिपाल, निवासी घंघोला
- बॉबी उर्फ शेरसिंह, निवासी खेड़ा भनौता
- सोनू, निवासी खेड़ा भनौता
- यतेंद्र चौधरी, निवासी चिपियाना
- अनूप भाटी, निवासी साकीपुर
- दिनेश भाटी, निवासी साकीपुर
पहले भी हुई थी कठोर सजा
यह पहला मौका नहीं है जब सुंदर भाटी को अदालत ने दोषी पाया हो।
चार वर्ष पहले, सपा नेता हरेंद्र नागर हत्याकांड में जिला अदालत ने सुंदर भाटी समेत 12 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और 1.80 लाख रुपये अर्थदंड भी लगाया था। बाद में उसे इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिल गई, जिसके बाद वह जेल से बाहर आ गया।
सुंदर भाटी के बाहर आने के बाद जिले में वर्चस्व की जंग बढ़ने की आशंका जताई जाने लगी थी। दूसरी ओर उसका विवाद स्क्रैप माफिया रवि काना से भी चल रहा है। हरेंद्र काना हत्याकांड में भी भाटी आरोपी रहा है।
पुलिस की सख्त नीति और भविष्य की तैयारी
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस फैसला से स्पष्ट संदेश गया है कि गैंगस्टर एक्ट के तहत चिन्हित माफिया या अपराधियों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।
‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ के तहत ऐसे मामलों में त्वरित और प्रभावी पैरवी का क्रम आगे भी जारी रहेगा।
कमिश्नरेट के अनुसार, लक्ष्य है—
- संगठित अपराध पर पूर्ण अंकुश
- भयमुक्त वातावरण की स्थापना
- कानून-व्यवस्था की मजबूती
