
मेरठ: थाईलैंड में नौकरी के सपने लेकर घर से निकले मेरठ के आशीष कुमार की जिंदगी पिछले पांच महीनों में मानो पूरी तरह बदल गई। चीनी जालसाजों के चंगुल में फंसकर म्यांमार में कैद हुए आशीष 18 नवंबर को सेना की मदद से आज़ाद होकर लौटे। दर्द और यातनाओं से भरे इन महीनों को पीछे छोड़ते हुए उन्होंने 4 दिसंबर को बुलंदशहर की युवती के साथ सात फेरे लेकर अपनी नई जिंदगी की शुरुआत की।
लंदन से MBA कर लौटे थे भारत
आशीष के पिता बालेंद्र कुमार आर्मी से रिटायर्ड हैं और वर्तमान में बिजली निगम में स्टेशन अफसर के पद पर तैनात हैं। लंदन से एमबीए करने के बाद आशीष मई 2025 में नोएडा की WTI कंपनी में काम करने लगे। वहीं काम करने वाले केशव नाम के युवक ने उन्हें थाईलैंड में अच्छी नौकरी दिलाने का लालच दिया।
केशव ने टेलीग्राम चैनल के जरिए इंटरव्यू कराया, जिसमें खुद को डैनी बताने वाले शख्स ने उन्हें सेलेक्ट कर लिया। विदेश में नौकरी की खबर मिलते ही आशीष की शादी भी तय हो गई थी।
म्यांमार ले जाकर बना लिया बंधक
आशीष के अनुसार, 1 जून को वह बैंकॉक पहुंचे। एयरपोर्ट से उन्हें एक टैक्सी ड्राइवर ले गया और समुद्र के रास्ते म्यांमार के सुनफा ग्रुप के ऑफिस में पहुंचाया गया। वहां रहने वाले असद नामक युवक ने उनसे पासपोर्ट मांगा।
पासपोर्ट देने से इंकार करने पर आशीष को कमरे में बंद कर दिया गया, मोबाइल और सामान छीन लिया गया, और खाने तक के लिए तरसाया गया। बाद में उन पर फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर साइबर ठगी करने का दबाव डाला गया।
चीनी गैंग चलाता था साइबर ठगी का रैकेट
आशीष ने बताया कि वहां अधिकतर चीनी नागरिक ठगी के इस अवैध नेटवर्क को संचालित करते थे। उन्हें ऑफिस कैंपस में घूमने की इजाज़त तो थी, लेकिन भागने की कोशिश पर गोली मारने की धमकी दी जाती थी।
सैलरी मांगने पर मारपीट भी की जाती थी।
सेना ने छापा मारकर आज़ाद कराया
20 अक्टूबर को म्यांमार की सेना ने इस ठगी रैकेट के दफ्तर पर छापा मारा और आशीष समेत अन्य लोगों को छुड़ा लिया। सेना ने भारतीय दूतावास से संपर्क किया और 18 नवंबर को आशीष सुरक्षित मेरठ पहुंच गए।
वापसी के बाद उन्होंने 2 दिसंबर को मेरठ के थाने में एफआईआर दर्ज कराई।
चार महीने का दर्द पीछे छोड़ रचाई शादी
पहले से तय शादी के अनुसार 4 दिसंबर को आशीष ने बुलंदशहर की युवती के साथ विवाह रचाया। परिवार और रिश्तेदारों ने इस शादी को खुशी और राहत के माहौल में मनाया।
जल्द नई नौकरी शुरू करेंगे
आशीष ने बताया कि वह अब जल्द ही नई नौकरी शुरू करेंगे। पुलिस नोएडा, मुंबई पुलिस और म्यांमार दूतावास के साथ मिलकर केशव और असद को पकड़ने की कोशिश कर रही है।