खतरे में अरावली का सबसे बड़ा जलस्रोत, 5 हजार एकड़ का कोटला वेटलैंड उपेक्षा का शिकार
गुड़गांव। अरावली पर्वतमाला की गोद में बसा कोटला वेटलैंड आज अस्तित्व के संकट से जूझ रहा है। करीब 5 हजार एकड़ में फैली यह विशाल झील नूंह और आसपास के दर्जनों गांवों के लिए सबसे बड़ा प्राकृतिक वॉटर रिचार्ज जोन है, लेकिन प्रशासनिक उपेक्षा के चलते इसका भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि सरकारी रिकॉर्ड में पूरे वेटलैंड में से सिर्फ 90 एकड़ क्षेत्र को ही संरक्षित माना गया है, जबकि शेष इलाका धीरे-धीरे समाप्त होने की कगार पर पहुंच चुका है।अंग्रेजी दौर में भी सबसे बड़ी झील थी कोटलाअरावली बचाओ सिटीजन मूवमेंट की ट्रस्टी वैशाली राणा ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते संरक्षण नहीं किया गया, तो यह ऐतिहासिक झील केवल दस्तावेजों में सिमट कर रह जाएगी। उन्होंने बताया कि 1882 के ब्रिटिशकालीन लैंड रेवेन्यू रिकॉर्ड और वर्तमान सिंचाई विभाग के दस्तावेजों के अनुसार कोटला वेटलैंड गुड़गांव...
