
नई दिल्ली: TP-Link वाई-फाई राउटर घरों और दफ्तरों में बेहद लोकप्रिय हैं। लेकिन हाल के दिनों में इसके सुरक्षा पहलुओं को लेकर चर्चा तेज हो गई है। अमेरिका में इस चीनी कंपनी के राउटर को बैन करने की बात उठ रही है। माना जा रहा है कि अमेरिका को शक है कि चीन इसके जरिए नागरिकों की प्राइवेसी को खतरे में डाल सकता है। हालांकि, अभी तक इसे लेकर कोई ठोस प्रमाण सामने नहीं आया है।
भारत में भी TP-Link राउटर इस्तेमाल करने वालों की संख्या बहुत अधिक है। ऐसे में अगर आप भी अपनी प्राइवेसी और सुरक्षा को लेकर सतर्क रहना चाहते हैं, तो एक्सपर्ट्स की ये सलाह फॉलो करें।
एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
चार अलग-अलग एक्सपर्ट्स — पेन-टेस्टर, SOC मैनेजर, प्राइवेसी रिसर्चर और होम-लैब बिल्डर — से पूछने पर तीन ने कहा कि वे अब भी TP-Link राउटर इस्तेमाल करेंगे, लेकिन कुछ सावधानियों के साथ।
राउटर को सुरक्षित बनाने के आसान उपाय:
- एडमिन पेज पर जाएं: नया अकाउंट बनाएं और लंबा, मजबूत पासवर्ड सेट करें।
- WPA3/WPA2 सेट करें: वाई-फाई को WPA3 या WPA2 पर लॉक करें। WPS फीचर बंद कर दें।
- रिमोट मैनेजमेंट बंद करें: अगर जरूरत न हो, तो राउटर का रिमोट एक्सेस बंद कर दें।
- नेटवर्क को विभाजित करें: एक नेटवर्क फोन-लैपटॉप के लिए और दूसरा IoT डिवाइसेज के लिए। IoT डिवाइस जैसे बल्ब, फ्रिज आदि को अलग रखें और क्लाइंट आइसोलेशन ऑन करें।
- अपडेट और लॉगिंग: राउटर को ऑटोमेटिक अपडेट पर सेट करें या हर महीने मैनुअल अपडेट करें। लॉगिंग रखें और अनजान डिवाइस को डिसकनेक्ट करें।
कुछ और जरूरी बदलाव:
- सही DNS चुनें और DNS-over-HTTPS ऑन करें।
- राउटर का नाम बदलें और गेस्ट नेटवर्क अलग रखें।
- UPnP फीचर बंद करें ताकि डिवाइस अपने आप पोर्ट न खोलें।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप डिफॉल्ट पासवर्ड बदल लें और ऊपर बताए गए उपाय अपनाएं, तो 10 मिनट में आपका Wi-Fi राउटर सुरक्षित बन सकता है।