योगी महाकुंभ विरोध तीन अंतिम लखनऊ

(sd news agency) मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने आस्था को मान लिया कि इसमें ताकत नहीं है, लिहाजा दुष्परिणाम भुगतना पड़ा। गुलामी कालखंड में यह बात मन में डाली गई कि भारतीय को कमतर करके आंकों, उसे महत्वहीन कर दो। जो भारत का है, उसका नहीं, बल्कि भारत के बाहर का महत्व है, लेकिन मोदी जी ने पहली बार भारतवासियों को अहसास कराया कि देश से जुड़े जीवन मूल्यों, आस्था व प्रोडक्ट को महत्व देकर हम स्वयं की महत्ता को बढ़ा सकते हैं। दूसरों की उपलब्धियों की बजाय पूर्वजों की विरासत पर गौरव की अनुभूति करेंगे तो दुनिया को बहुत कुछ दे पाएंगे। आज प्रयागराज वही कर रहा है। प्रयागराज, काशी व अयोध्या ने अपना स्केल व पोटेंशियल बताया। अनेक लोगों को रोजगार मिला तो कइयों की आमदनी बढ़ाने में भी मदद मिली।
उन्होने कहा कि कभी भारत के बाजार विदेशी सामानों से भरे पड़े होते थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से 2018 में हमने ओडीओपी योजना लागू की। यूपी के परंपरागत एमएसएमई सेक्टर के प्रोडक्ट की मैपिंग की। हर जिले के प्रोडक्ट को आइडेंटिफाई किया। हमने डिजाइनिंग, पैकेजिंग, टेक्नोलॉजी, मार्केटिंग में मदद की तो हमारा एक्सपोर्ट बढ़ा। यूपी ने देश को नया ब्रांड दे दिया। इससे लाखों लोगों को रोजगार देने में हमें सफलता मिली। होली, दीपावली आदि त्योहारों पर कभी यहां का बाजार चीन के प्रोडक्ट से पटा होता था, आज समाप्त हो गया। अब उपहार के रूप में लोग ओडीओपी का उत्पाद देते हैं। उन्होंने बताया कि 2017 में सरकार बनने के बाद मुरादाबाद गया तो वहां ब्रास आइटम से जुड़े लोगों में निराशा दिखी। यह उद्योग बंदी के कगार पर था। उनके पास हर चीज का अभाव हो रहा था, हमने प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड व इंस्पेक्टर राज को नियंत्रित किया और सुविधाएं उपलब्ध कराईं। आज अकेले मुरादाबाद से 16-17 हजार करोड़ रुपये के उत्पाद एक्सपोर्ट होते हैं।


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