
नई दिल्ली: काली मिर्च और रेशम के बदले सोना और हाथीदांत—भारत और इथियोपिया के बीच यह व्यापार सदियों से चला आ रहा है। प्राचीन काल में लाल सागर और हिंद महासागर के मार्गों से यह कारोबार होता था। भारत से मसाले और रेशम जाते थे, वहीं इथियोपिया से सोना और हाथीदांत आयात होता था।
इतिहास और कनेक्शन
इथियोपिया, जिसे प्राचीन काल में अबीसीनिया कहा जाता था, भारतीय व्यापारियों के लिए हाथीदांत का प्रमुख स्रोत था। अदन जैसे बंदरगाहों पर व्यापारिक लेन-देन होता और दोनों देशों के बीच संबंध आज भी निरंतर विकसित हो रहे हैं। 1948 में स्वतंत्र भारत ने इथियोपिया के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए, और इथियोपिया नई दिल्ली में दूतावास खोलने वाला पहला अफ्रीकी देश बना।
आधुनिक आर्थिक और निवेश संबंध
आज भारत इथियोपिया में सबसे बड़े विदेशी निवेशकों में शामिल है। कृषि, विनिर्माण, फार्मास्यूटिकल्स, खनन और परामर्श जैसे क्षेत्रों में भारतीय निवेश ने स्थानीय रोजगार और उद्योगों को मजबूत किया है। दोनों देशों के बीच व्यापार का मूल्य 2 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया है। भारत से इथियोपिया को मशीनरी, दवाइयाँ, इस्पात उत्पाद और चीनी निर्यात होती है, जबकि इथियोपिया से भारत को दालें, तिल, मसाले, चमड़ा और बहुमूल्य पत्थर मिलते हैं।
दक्षिण-दक्षिण सहयोग और पीएम मोदी का दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 और 17 दिसंबर को इथियोपिया का दौरा करेंगे। इस दौरे का उद्देश्य दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत करना और दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और विकास साझेदारी को और बढ़ावा देना है।