
नई दिल्ली: एम्स दिल्ली में ओपीडी मरीजों के लिए अब सीटी स्कैन जांच में लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अस्पताल ने प्राइवेट और प्रतिष्ठित डायग्नोस्टिक सेंटरों से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) मंगाकर मरीजों के लिए एक त्वरित और व्यवस्थित प्रणाली बनाई है।
चार दिन में जांच सुनिश्चित
एम्स के अनुसार पैनल में शामिल सेंटरों में रेफर किए गए मरीजों की सीटी स्कैन जांच की अधिकतम प्रतीक्षा चार दिन से ज्यादा नहीं होगी। इसका उद्देश्य अस्पताल में बढ़ते मरीजों के दबाव को कम करना और गंभीर मरीजों की जांच में देरी रोकना है। चयनित डायग्नोस्टिक केंद्रों द्वारा शुल्क CGHS दरों के अनुसार तय होगा और मरीज को सीधे भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
गरीब मरीजों को निशुल्क सुविधा
एम्स और प्राइवेट सेंटर मिलकर एक ऐसा सिस्टम बनाएंगे, जिसमें मरीज ई-हॉस्पिटल (HIS) पोर्टल के माध्यम से अपॉइंटमेंट ले सकेंगे। पैनल में शामिल सेंटरों को निर्धारित संख्या में गरीब मरीजों की जांच बिना शुल्क करनी होगी। सेडेशन (बेहोशी) के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। पैनल में शामिल केंद्र एम्स से 10 किलोमीटर के दायरे में स्थित होने चाहिए। अनुबंध की अवधि दो साल होगी, जिसमें पहले छह महीने पायलट फेज के रूप में लागू होंगे।
एम्स बनेगा ग्लोबल मेडिकल रिसर्च हब
एम्स दिल्ली को देश ही नहीं बल्कि दुनिया का प्रमुख मेडिकल रिसर्च और प्रैक्टिस इंस्टिट्यूट बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल की अगुवाई में हाई लेवल कमिटी ने एम्स के मौजूदा सिस्टम की समीक्षा कर सुधारों का रोडमैप तैयार किया है।