
नई दिल्ली: भारत में राफेल फाइटर जेट के स्वदेशीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। फ्रांस की एयरोस्पेस कंपनी थेल्स ने भारतीय कंपनी एसएफओ टेक्नोलॉजीज को राफेल में इस्तेमाल होने वाले अत्याधुनिक आरबीई2 एईएसए रडार का एक महत्वपूर्ण पार्ट बनाने का ठेका दिया है।
भारत में बनेगा जटिल रडार पार्ट
एसएफओ टेक्नोलॉजीज की फैसिलिटी कोच्चि, तिरुवनंतपुरम, बेंगलुरु और मैसूरु में है। थेल्स के मुताबिक, यह कंपोनेंट कठिन पर्यावरणीय परिस्थितियों का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है और यह राफेल फाइटर जेट के कोर मिशन सिस्टम का अहम हिस्सा है।
26 नए राफेल ऑर्डर के बाद अहम कदम
हाल ही में भारतीय नौसेना के लिए 26 नए राफेल विमानों का ऑर्डर दिया गया। थेल्स ने कहा कि यह ठेका भारत में एयरोनॉटिक्स और डिफेंस इकोसिस्टम में भारतीय कंपनियों के साथ सहयोग को मजबूत करने के रोडमैप का हिस्सा है।
डिफेंस टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता
आरबीई2 एईएसए रडार अत्याधुनिक तकनीक वाला रडार है, जो टारगेट को तेज़ी से ट्रैक कर सकता है। इस पार्ट के भारत में निर्माण से देश की डिफेंस टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और ग्लोबल डिफेंस सप्लाई चेन में भारत की भूमिका मजबूत होगी।
एसएफओ टेक्नोलॉजीज की प्रतिक्रिया
कंपनी के चेयरमैन एन. जहांगीर ने कहा, “थेल्स के भरोसे पर गर्व है। भारतीय इकोसिस्टम में नई विशेषज्ञता लाने और राफेल इंडिया के लिए उपकरण निर्माण में सक्रिय योगदान देने का यह अवसर हमारे लिए महत्वपूर्ण है। गुणवत्ता और समय पर डिलिवरी हमारी प्राथमिकता रहेगी।”