बिहार में श्रम और उद्योग विभाग का काला इतिहास: 9 दिग्गज हुए शिकार, नीतीश मिश्रा ताजा शिकार
पटना, 21 नवंबर। बिहार की राजनीति में श्रम और उद्योग विभाग हमेशा मंत्रियों के लिए ‘अपशगुन’ साबित हुआ है। इतिहास गवाह है कि इन विभागों का प्रभार संभालने वाले कई नेता आगे मंत्री बनने के रास्ते से वंचित हो गए। ताजा उदाहरण 2024 में उद्योग मंत्री बने नीतीश मिश्रा का है, जिनका राजनीतिक करियर अभी प्रभावित हुआ।
श्रद्धेय श्रम विभाग का इतिहास
2008: अवधेश नारायण सिंह – मंत्री बने, फिर पुनः मंत्री नहीं।
2014: दुलाल गोस्वामी – मंत्री बने, आगे का करियर ठप।
2015: विजय प्रकाश – मंत्री बने, आगे नहीं बने।
2022: सुरेंद्र राम – मंत्री बने, अब अज्ञात।
2024: संतोष सिंह – मंत्री बने, 2025 में पद नहीं मिला।
2020: जीवेश मिश्रा – मंत्री बने, अब सूची में नाम नहीं।
एक अपवाद: उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा, जिन्होंने कृषि और पथ निर्माण विभाग संभालकर उप मुख्यमंत्री का पद हासिल किया।
उद्योग विभाग...









