
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का गठन कर दिया गया है। इसके बाद केंद्रीय कर्मचारियों के संगठनों ने महंगाई भत्ते (DA) को मूल वेतन में मर्ज करने की मांग तेज कर दी थी। वर्तमान में DA 58% है और यह जनवरी 2024 में ही 50% का स्तर पार कर चुका था। कर्मचारी संगठन लगातार सरकार से इस बढ़े हुए DA को मूल वेतन में जोड़ने की मांग कर रहे थे।
लेकिन कर्मचारियों के लिए यह बड़ी खबर है कि सरकार ने इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया है।
सरकार का स्पष्ट बयान
लोकसभा में सांसद आनंद भदौरिया के सवाल का जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि—
“सरकार के पास DA को मूल वेतन में मिलाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल सरकार इस मामले पर किसी भी तरह की योजना पर विचार नहीं कर रही है। वर्तमान व्यवस्था के अनुसार DA को हर साल दो बार संशोधित किया जाता है।
7वें वेतन आयोग में मूल वेतन का ढांचा
7वें वेतन आयोग के अनुसार—
- न्यूनतम मूल वेतन: ₹18,000 (लेवल-1)
- अधिकतम मूल वेतन: ₹2,50,000 (लेवल-18)
सभी भत्तों—जैसे DA और HRA—की गणना इसी मूल वेतन पर आधारित होती है। यदि DA को मूल वेतन में जोड़ दिया जाए तो मूल वेतन बढ़ जाएगा, और आने वाले समय में बढ़ने वाले भत्तों पर इसका असर पड़ेगा।
कर्मचारी संगठनों का तर्क: DA मर्ज क्यों जरूरी?
ऑल इंडिया NPS एम्प्लॉइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह पटेल ने उदाहरण देते हुए बताया—
- जनवरी 2024 में एक कर्मचारी का मूल वेतन: ₹76,500
- उस समय DA: 50%
- यदि DA को जोड़ दिया जाता तो नया मूल वेतन: ₹1,14,750
इस बढ़े हुए मूल वेतन पर—
- सालाना 3% इंक्रीमेंट
- बढ़ा हुआ HRA
- उससे जुड़े अन्य भत्ते
जुड़ते हुए कुल वेतन लगभग ₹1,64,959 तक पहुंच जाता।
वर्तमान स्थिति: बिना DA मर्ज के कितना मिल रहा वेतन?
चूंकि DA को मूल वेतन में नहीं जोड़ा गया है, इसलिए उसी कर्मचारी को—
- वर्तमान मूल वेतन: ₹78,800
- DA (58%): ₹45,704
- HRA (30%): ₹23,640
- TA: ₹5,688
कुल वेतन: ₹1,53,832
यानी DA मर्ज की स्थिति के मुकाबले ₹11,127 (7.23%) कम।
कर्मचारी नेताओं का कहना है कि यदि वेतन आयोग लागू होने में दो साल और लगते हैं तो यह अंतर 15% से भी अधिक हो जाएगा।
निष्कर्ष
कर्मचारियों के बीच जहाँ 8वें वेतन आयोग को लेकर उम्मीदें बढ़ी हैं, वहीं DA मर्ज न होने से उनकी नाराज़गी भी सामने आ रही है। सरकार की स्पष्ट प्रतिक्रिया के बाद यह साफ हो गया है कि फिलहाल DA मर्ज होने की कोई संभावना नहीं है, और कर्मचारियों को वर्तमान व्यवस्था के आधार पर ही वेतन संशोधन का इंतजार करना होगा।