
कानपुर: कभी पुलिस महकमे में सख्त और ईमानदार अफसर के रूप में चर्चित रहे कानपुर के पूर्व DSP ऋषिकांत शुक्ला आज गंभीर आरोपों के घेरे में हैं। निलंबन के बाद उनकी संपत्ति और वित्तीय मामलों की जांच शुरू हो गई है। इसी जांच के दायरे में उनके बेटे की मार्च में हुई शाही शादी भी शामिल है, जिसने प्रदेश के सियासी और प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी थी।
🔹 200 करोड़ के रिसॉर्ट में शाही शादी
कानपुर के इटरनिटी रिसॉर्ट में आयोजित इस शादी में लगभग 18 जिलों के भाजपा जिलाध्यक्ष, कई सांसद, विधायक और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे। दावा है कि एडीजी और डीआईजी स्तर के अधिकारी भी मौजूद थे। शादी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें कई IPS अधिकारी डांस फ्लोर पर झूमते नजर आए।
🔹 विजिलेंस जांच में संपत्ति का पर्दाफाश
ऋषिकांत शुक्ला की 28 साल की सेवा में अर्जित संपत्ति लगभग 100 करोड़ रुपये बताई गई है। इसमें शामिल हैं:
- कानपुर के पॉश इलाके आर्यनगर में 11 दुकानें
- चार मंजिला इमारतें और गेस्ट हाउस
- रियल एस्टेट निवेश और कई कंपनियों में हिस्सेदारी
जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि उनकी वास्तविक आय और संपत्ति के बीच इतना बड़ा अंतर कैसे संभव है।
🔹 शुक्ला का पक्ष
ऋषिकांत शुक्ला ने मीडिया से कहा कि बेटे की शादी में उनका खर्च नहीं था। शादी का आयोजन पूरी तरह लड़कीवालों ने किया, और रिसॉर्ट का चुनाव उनकी इच्छा से नहीं था। उन्होंने कहा, “मेरे राजनीतिक और प्रशासनिक संबंध होना कोई अपराध नहीं है। कार्रवाई कुछ असंतुष्ट लोगों की साजिश हो सकती है।”
उन्होंने यह भी बताया कि कई संपत्तियां पैतृक हैं और उनके पूर्वजों ने अर्जित की थीं।
🔹 विजिलेंस की अगली कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, जांच में अब शादी में हुए खर्च, रिसॉर्ट बुकिंग, डेकोरेशन, खानपान और मेहमानों की सुविधाओं का वित्तीय हिसाब लगाया जाएगा। यह पता लगाया जाएगा कि इन खर्चों का भुगतान किसने किया – शुक्ला परिवार ने या लड़कीवालों ने।
कानपुर के पुराने पुलिसकर्मी ऋषिकांत शुक्ला को ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ के रूप में जानते हैं। अब उनकी राजनीतिक पकड़ और विवादित छवि के बीच यह जांच दर्शाएगी कि उनके बेटे की शाही शादी के पीछे क्या हकीकत छिपी है।