
हैदराबाद। देश के शहरी परिवहन इतिहास में पहली बार हैदराबाद मेट्रो रेल लिमिटेड (एचएमआरएल) ने अपने सुरक्षा विभाग में 20 ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को नियुक्त कर नई मिसाल पेश की है। सामाजिक समावेशन और यात्रियों, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया यह कदम व्यापक सराहना बटोर रहा है। सभी नए सुरक्षाकर्मियों ने आवश्यक ट्रेनिंग पूरी कर सोमवार से अपनी ड्यूटी शुरू कर दी है।
महिला यात्रियों की सुरक्षा पर खास फोकस
हैदराबाद मेट्रो में प्रतिदिन करीब 5 लाख लोग सफर करते हैं, जिनमें लगभग 30 प्रतिशत संख्या महिला यात्रियों की है। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से ट्रांसजेंडर सुरक्षाकर्मियों की नियुक्ति को बेहद प्रभावी पहल माना जा रहा है। एचएमआरएल का कहना है कि इससे न केवल सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि स्टेशन और ट्रेन में यात्रियों को अधिक सहज और सुरक्षित वातावरण मिलेगा।
समावेशिता की दिशा में सरकार की बड़ी पहल
तेलंगाना सरकार पिछले कुछ वर्षों से ट्रांसजेंडर समुदाय को मुख्यधारा में शामिल करने के प्रयासों को गति दे रही है। पिछले वर्ष शुरू की गई नीति के तहत ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को विभिन्न सार्वजनिक सेवाओं—जैसे सहायक यातायात मार्शल—में सम्मिलित किया जा चुका है। सुरक्षा सेवाओं में यह नई नियुक्ति उसी क्रम को आगे बढ़ाने वाला कदम है।
ट्रांसजेंडर सुरक्षाकर्मियों की उपस्थिति से बढ़ेगा भरोसा
हैदराबाद मेट्रो प्रशासन का मानना है कि ट्रांसजेंडर सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी से महिला यात्रियों का भरोसा बढ़ेगा और सुरक्षा व्यवस्था और अधिक संवेदनशील व प्रभावी बनेगी। 57 स्टेशनों और तीन कॉरिडोर पर चलने वाली हैदराबाद मेट्रो का यह निर्णय देशभर में सामाजिक परिवर्तन और समान अवसर की दिशा में प्रेरक कदम के रूप में देखा जा रहा है।