
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली को जल्द ही अपने पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश से अतिरिक्त पानी मिलने की संभावना है। यह पानी राजधानी की बढ़ती मांग और 250 MGD की कमी को पूरा करने में अहम साबित होगा।
यमुना रिव्यू कमेटी की हालिया बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। हिमाचल प्रदेश ने पहले के एग्रीमेंट के मुताबिक 113.5 MGD पानी दिल्ली को देने पर विचार किया है। हालांकि, हरियाणा के कैनाल सिस्टम से पानी पहुंचाने के रास्तों में स्पष्टता न होने के कारण यह पानी कई वर्षों तक इस्तेमाल नहीं हो पाया। अब तकनीकी औपचारिकताएं लगभग पूरी हो चुकी हैं और जल आपूर्ति जल्द शुरू होने की संभावना है।
दिल्ली की मौजूदा स्थिति:
दिल्ली की कुल पानी की मांग 1,250 MGD है, जबकि वर्तमान में शहर को केवल 1,000 MGD पानी मिलता है। इस कमी को पूरा करने के लिए ग्राउंडवॉटर का अत्यधिक उपयोग किया जा रहा है, जिससे पानी का स्तर घट रहा है और गुणवत्ता पर भी असर पड़ रहा है।
मीटिंग में शामिल अधिकारी:
इस बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल, उत्तराखंड के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज, यूपी के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा समेत दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, यूपी, हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड के अधिकारी शामिल हुए। बैठक में हरियाणा से नहर के स्ट्रक्चर, डिटेल्ड मैप और पानी के इस्तेमाल का डेटा भी मांगा गया ताकि पिछली आपत्तियों का समाधान किया जा सके।
किस इलाकों में होगी राहत:
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के साउथ, ईस्ट और नॉर्थईस्ट क्षेत्रों, रोहिणी, द्वारका और बाहरी दिल्ली की कॉलोनियों में पानी की सप्लाई बेहतर होगी। टैंकर पर निर्भरता कम होगी और सुबह के पीक घंटों में पानी की कमी की समस्या भी कम होगी।
मंत्री प्रवेश वर्मा का बयान:
बैठक के बाद दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि मीटिंग में दिल्ली के हिस्से का पानी सुनिश्चित करना, राज्यों के बीच तालमेल बढ़ाना और यमुना वाटर मैनेजमेंट की प्रभावशीलता को बढ़ाना मुख्य फोकस रहा।
दिल्लीवासियों को उम्मीद है कि हिमाचल से आने वाला अतिरिक्त पानी राजधानी के लिए राहत का नया रास्ता खोलेगा।