Monday, December 1

मेरठ की पॉश कॉलोनियों में SIR का बुरा हाल! अफसर घंटी बजाते रहे, चौकीदार बोले- साहब आराम कर रहे

मेरठ: साकेत और डिफेंस कॉलोनियों में चल रहे विशेष पुनरीक्षण अभियान (SIR) के दौरान प्रशासन को ऐसी लापरवाही का सामना करना पड़ा, जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी। मतदाता सूची अपडेट करने के लिए अधिकारी घर-घर गणना प्रपत्र जमा कराने पहुंचे, लेकिन बड़े-बड़े घरों के दरवाजे बंद मिले। चौकीदारों ने साफ कह दिया कि मालिक उपलब्ध नहीं हैं और आराम कर रहे हैं।

उप जिला निर्वाचन अधिकारी सत्यप्रकाश सिंह, अपर नगर आयुक्त पंकज कुमार और अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट खुद जाकर घंटी बजाते रहे और आवाज लगाते रहे, लेकिन अधिकांश घरों के दरवाजे नहीं खुले। मुश्किल से कुछ ही घरों में गेट खोला गया, लेकिन वहां भी चौकीदारों ने ही बातचीत की।

50% प्रपत्र अधर में, समय सिर्फ पांच दिन
मेरठ की सात विधानसभा सीटों के 27 लाख मतदाताओं में से अब तक केवल 50% लोगों ने अपना गणना प्रपत्र जमा किया है। यह काम 4 नवंबर से चल रहा है और 4 दिसंबर तक सभी प्रपत्र डिजिटल फीड करना अनिवार्य है। यानी अब सिर्फ पांच दिन बचे हैं, और आधे से अधिक मतदाता अभी भी प्रपत्र जमा नहीं कर पाए हैं।

VIP कॉलोनियों में प्रशासन का माथा पकड़ा
बीएलओ की शिकायत पर अफसर हकीकत जानने पहुंचे। उन्होंने देखा कि न तो लोग दरवाज़ा खोल रहे थे, न प्रपत्र देने में रुचि दिखा रहे थे। अधिकारियों ने कहा कि जब हम सुनकर भी दरवाजा नहीं खोल पा रहे हैं, तो बीएलओ को कौन सुनेगा?

नाम कट सकता है वोटर लिस्ट से
जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. वीके सिंह ने साफ किया कि लगातार अपीलों के बावजूद प्रपत्र जमा न कराने वालों का नाम नई वोटर सूची में शामिल नहीं होगा। उन्होंने लोगों से तुरंत प्रपत्र भरकर जमा करने की अपील की और रविवार को शहरव्यापी महा अभियान भी चलाया गया।

प्रशासन नाराज
अधिकारियों का कहना है कि लोकतंत्र की सबसे मूल प्रक्रिया—मतदाता सूची अपडेट—हर नागरिक का दायित्व है। लेकिन पॉश कॉलोनियों में लोगों के इस रवैये ने प्रशासन को नाराज और चिंतित कर दिया। ये वही लोग हैं जो चुनाव के समय सुविधाओं की सबसे ज्यादा मांग करते हैं, लेकिन अपनी बुनियादी जिम्मेदारी निभाने को तैयार नहीं हैं।

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