
गाजियाबाद, 1 दिसंबर। सिहानी गेट थाना क्षेत्र में शुक्रवार तड़के एक भीषण सड़क हादसे ने हर किसी को दहला दिया। तेज रफ्तार कार फ्लाईओवर की रेलिंग तोड़ते हुए करीब 50 फीट नीचे जा गिरी। हादसे में कार में सवार पिता की मौत हो गई, जबकि कार चला रहा बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया।
पुलिस के अनुसार घटना रात करीब तीन बजे की है। शुरुआती जांच में संभावना जताई गई है कि कार चला रहे प्रिंस को अचानक नींद की झपकी आ गई, जिससे वाहन पर से नियंत्रण हट गया और कार सीधे नीचे जा गिरी। कार में उसके पिता राकेश भी साथ में मौजूद थे, जो जागृति विहार, संजय नगर सेक्टर 23 के रहने वाले थे।
टक्कर इतनी भीषण थी कि कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। राहगीरों और पुलिस की मदद से दोनों को तुरंत यशोदा अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने राकेश को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। प्रिंस की हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।यहां आपकी खबर को अखबार में प्रकाशित करने लायक सटीक, संतुलित और प्रभावशाली पत्रकारिता शैली में तैयार किया गया रूप प्रस्तुत है—
कर्नाटक में CM बदलाव के मूड में नहीं कांग्रेस हाईकमान, क्या शांत होगा सिद्धारमैया–डीके शिवकुमार विवाद?
बेंगलुरु, 1 दिसंबर। कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी खींचतान अभी खत्म होती नहीं दिख रही है। शनिवार को हाईकमान के निर्देश पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बीच हुए चर्चित ‘ब्रेकफास्ट मीट’ के बाद भले ही दोनों ने एकता का संदेश दिया हो, लेकिन सत्ता-संतुलन की असली गुत्थी जस की तस बनी हुई है।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री बदलाव पर कोई भी अंतिम फैसला दिल्ली में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मौजूदगी में होगा। इसके लिए दोनों नेताओं को जल्द ही दिल्ली बुलाया जा सकता है। पार्टी उच्च नेतृत्व इसी बैठक में तय करेगा कि सिद्धारमैया को आगे जारी रखा जाए या डीके शिवकुमार के लिए भविष्य का कोई नया फॉर्म्युला लागू किया जाए।
हाईकमान फिलहाल बदलाव के पक्ष में नहीं
सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस लीडरशिप इस समय मुख्यमंत्री बदलने के मूड में नहीं है। सोनिया गांधी की दिल्ली वापसी के बाद अब प्रस्तावित बैठक किसी भी समय हो सकती है। पार्टी नेतृत्व दोनों नेताओं को संतुलित रखने की कोशिश में है, क्योंकि किसी भी तरफ असंतोष उसके राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।
किसके साथ बहुमत विधायक?
पार्टी कैंप में समीकरण दिलचस्प हैं। जानकारी के मुताबिक 100 से अधिक विधायक सिद्धारमैया के पक्ष में हैं। 78 वर्षीय सिद्धारमैया राज्य के शीर्ष मास लीडरों में गिने जाते हैं और कुरुबा समुदाय के सबसे प्रभावशाली चेहरे हैं। वहीं डीके शिवकुमार संगठन के मजबूत मैनेजर और पुराने कांग्रेसी नेता माने जाते हैं, जिनकी नाराजगी पार्टी के लिए भारी पड़ सकती है।
ढाई-ढाई साल वाले फॉर्म्युले से बढ़ा तनाव
2023 में सत्ता गठन के समय पार्टी ने अनौपचारिक तौर पर सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच ढाई-ढाई साल की सत्ता साझेदारी का फॉर्म्युला तैयार किया था, जिसका आधा कार्यकाल पूरा हो चुका है। इसी कारण शिवकुमार का कैंप अब नेतृत्व परिवर्तन पर पहले से ज्यादा मुखर दिख रहा है।
कांग्रेस के सामने कठिन संतुलन
रविवार को डीके शिवकुमार ने मीडिया के सामने कहा कि उनके और मुख्यमंत्री के बीच कोई मतभेद नहीं है और वे हाईकमान के फैसले का सम्मान करेंगे। लेकिन पार्टी भी यह समझती है कि उनकी अंदरूनी नाराजगी को नज़रअंदाज़ करना आसान नहीं।
कर्नाटक कांग्रेस इस समय ऐसे मोड़ पर खड़ी है जहां सिद्धारमैया जैसे बड़े जनाधार वाले नेता को बनाए रखना आवश्यक है, वहीं डीके शिवकुमार जैसे प्रभावशाली प्रबंधक को नाराज करना भी जोखिम भरा साबित हो सकता है।
यदि आप चाहें तो इस खबर के लिए आकर्षक हेडलाइन विकल्प, बॉक्स स्टोरी, या इंफोग्राफिक पॉइंट्स भी तैयार कर सकता हूँ।
पुलिस का कहना है कि रात में लंबे समय तक ड्राइविंग करते समय नींद आना हादसों का प्रमुख कारण बन रहा है। फ्लाईओवर की रेलिंग तोड़कर नीचे गिरी कार की स्थिति से टक्कर की रफ्तार और गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है।