Monday, December 1

बिहार चुनाव 2025: आधी आबादी को नहीं मिला एक चौथाई प्रतिनिधित्व, विधानसभा में कितनी हैं महिला विधायक?

पटना, 1 दिसंबर। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में आधी आबादी ने एनडीए को भारी बहुमत दिलाने में अहम भूमिका निभाई, लेकिन खुद के लिए प्रतिनिधित्व का दायरा बढ़ाने में वे नाकाम रहीं। न तो चुनावी मैदान में महिलाओं की पर्याप्त भागीदारी दिखी और न ही जीत में उनका अनुपात बढ़ पाया। कुल महिला उम्मीदवारों और विजयी विधायकों का आंकड़ा अभी भी पुरुषों की तुलना में बेहद कम है।

उम्मीदवारी में बड़ी असमानता

इस चुनाव में जहां 2,357 पुरुष मैदान में थे, वहीं केवल 258 महिलाएं चुनाव लड़ रही थीं। प्रमुख दलों में सबसे अधिक महिला उम्मीदवार उतारने का दावा राजद ने किया। तेजस्वी यादव ने 23 महिलाओं को टिकट दिया। कांग्रेस ने 6, वीआईपी और वामदलों ने कुल 2 महिलाओं को उतारा।

एनडीए में किसने दिया कितना टिकट?

एनडीए में बीजेपी और जेडीयू ने समान रूप से 13-13 महिलाओं को टिकट देकर आधी आबादी का प्रतिनिधित्व बढ़ाने का प्रयास किया। लोजपा (आर) ने 5 महिलाओं को मैदान में उतारा और हम ने 2 महिलाओं को टिकट दिया। रालोमो के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पत्नी स्नेहलता को प्रत्याशी बनाया, जिससे महिला प्रतिनिधित्व में एक और नाम जुड़ा।

चुनावी नतीजों में महिलाएं पिछड़ीं

258 महिला उम्मीदवारों में से केवल 29 ही जीत दर्ज कर सकीं। इसमें भी 25 विजेता एनडीए के टिकट पर मैदान में उतरी थीं।

  • भाजपा ने 13 महिलाओं को टिकट दिया, जिनमें से 10 विजयी रहीं।
  • जदयू के 13 में से 10 उम्मीदवार जीते।
  • लोजपा (आर) ने 5 में से 3 महिलाओं को जीत दिलाई।
  • हम की दोनों महिला उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की।
  • रालोमो की एकमात्र प्रत्याशी स्नेहलता जीतीं।

इसके विपरीत महागठबंधन की ओर से 31 महिलाओं को टिकट दिया गया था, पर केवल 3 ही विजयी रहीं। कांग्रेस की 6ों महिला उम्मीदवार और वाम दलों की प्रत्याशी सभी हार गईं।

विधानसभा में ये हैं महिला विधायक

भाजपा: रेणु देवी (बेतिया), गायत्री देवी (परिहार), देवंती यादव (नरपतगंज), निशा सिंह (प्राणपुर), कविता कुमारी (कोढ़ा), मैथिली ठाकुर (अलीनगर), रमा निषाद (औराई), छोटी कुमारी (छपरा), संगीता कुमारी (मोहनियां), श्रेयसी सिंह (जमुई)

जदयू: शालिनी मिश्रा (केसरिया), श्वेता गुप्ता (शिवहर), मीना कामत (बाबूबरही), शीला मंडल (फुलपरास), लेसी सिंह (धमदाहा), कोमल सिंह (गायघाट), अश्वमेघ देवी (समस्तीपुर), मनोरमा देवी (बेलागंज), विभा देवी (नवादा)

राजद: करिश्मा राय (परसा), सावित्री देवी (चकाई), अनिता देवी (नोखा), अनिता देवी (वारसलीगंज)

हम: दीपा कुमारी (इमामगंज), ज्योति देवी (वाराचटी)

रालोमो: स्नेहलता (सासाराम)

लोजपा (आर): संगीता देवी (बलरामपुर), बेबी कुमारी (बोचहा), विनीता मेहता (गोविंदपुर)

2020 के मुकाबले क्या बदला?

साल 2020 में जदयू ने 22 महिलाओं को टिकट दिया था और बीजेपी ने 13 को। महागठबंधन में कांग्रेस, राजद और वाम दलों ने मिलकर 24 महिलाओं को मौका दिया था। इस बार एनडीए में महिलाओं की जीत का ग्राफ बढ़ा है, जबकि विपक्षी खेमे में महिला उम्मीदवारों का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा।

नतीजा—आधी आबादी अभी भी हाशिए पर

ऐतिहासिक जनादेश दिलाने के बावजूद आधी आबादी का प्रतिनिधित्व विधानसभा में एक चौथाई से भी कम है। चुनाव लड़ने से लेकर जीत हासिल करने तक का पूरा सफर अब भी महिलाओं के लिए चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।

Leave a Reply