
नई दिल्ली: सोने के गहनों पर लोन यानी गोल्ड लोन में पिछले एक साल में जोरदार बढ़ोतरी देखने को मिली है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर 2025 तक गोल्ड लोन का बकाया 128.5% बढ़कर 3.38 लाख करोड़ रुपये हो गया। मार्च 2025 से देखें तो यह 63.6% की वृद्धि दर्शाता है।
पर्सनल लोन में बढ़ोतरी का बड़ा हिस्सा गोल्ड लोन:
पर्सनल लोन क्रेडिट ग्रोथ में सबसे आगे हैं और पिछले 12 महीनों में इसकी वृद्धि का लगभग एक चौथाई हिस्सा गोल्ड लोन का रहा। अक्टूबर 2025 तक पर्सनल लोन 14% बढ़कर 64.56 लाख करोड़ रुपये हो गया।
RBI ने बताया कि इस बढ़ोतरी की एक वजह मई 2024 में आए बदलाव हैं, जिनमें खेती-किसानी के लिए दिए गए गहनों पर लोन को भी रिटेल गोल्ड लोन की श्रेणी में शामिल किया गया।
अन्य लोन ग्रोथ:
- हाउसिंग लोन: 11% बढ़कर 31.87 लाख करोड़ रुपये
- ऑटो लोन: 12.5% बढ़कर 6.77 लाख करोड़ रुपये
- एजुकेशन लोन: 14.7% बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये
अनसिक्योर्ड लोन का हाल:
अनसिक्योर्ड लोन की वृद्धि सीमित रही। कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन 1% बढ़कर 23,646 करोड़ रुपये, क्रेडिट कार्ड बकाया 7.7% बढ़कर 3.03 लाख करोड़ रुपये और अन्य पर्सनल लोन 9.9% बढ़कर 16.17 लाख करोड़ रुपये हुए।
कुल बैंकिंग लोन में तेजी:
अक्टूबर 2025 तक, बैंकों का कुल लोन 11.3% बढ़कर 193.9 लाख करोड़ रुपये हो गया। नॉन-फूड क्रेडिट भी लगभग इसी रफ्तार से बढ़ा और 11.1% की वृद्धि के साथ 193.2 लाख करोड़ रुपये हो गया।
नॉन-रिटेल और प्रायोरिटी सेक्टर:
सर्विस सेक्टर लोन 13% बढ़कर 53.45 लाख करोड़ रुपये हो गया। इनमें कंप्यूटर सॉफ्टवेयर (29.4%), शिपिंग (28%) और कमर्शियल रियल एस्टेट (14.1%) शामिल हैं। NBFCs को बैंक लोन 10.9% बढ़कर 17.04 लाख करोड़ रुपये दिया गया।
प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में रिन्यूएबल एनर्जी लोन 52.1% बढ़ा, हाउसिंग लोन 32.7% और माइक्रो-स्मॉल एंटरप्राइजेज 25.8% बढ़े।
विशेष टिप्पणी:
इस आंकड़े से स्पष्ट होता है कि बड़ी कंपनियां अब बैंक से कम लोन ले रही हैं, जबकि छोटे और मझोले उद्योग बैंकिंग लोन का लाभ उठाकर विस्तार कर रहे हैं। वहीं आम लोग सोने को गिरवी रखकर आसानी से लिक्विडिटी जुटा रहे हैं।