
इंदौर/नई दिल्ली: देशभर में निजी मेडिकल कॉलेजों में रिश्वत और फर्जी निरीक्षण का भंडाफोड़ करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 27 नवंबर को 15 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई CBI की चार्जशीट के आधार पर की गई, जिसमें सरकारी अधिकारियों, एजेंटों और कुछ मशहूर यूनिवर्सिटी के चांसलरों के बीच मिलीभगत का खुलासा हुआ था।
ED की कार्रवाई का विवरण
ED की टीम ने तलाशी के दौरान मोबाइल फोन, सर्वर डेटा और डिजिटल रिकॉर्ड सहित महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए। इसके अलावा जांच में यह सामने आया कि कई बिचौलिए मेडिकल कॉलेजों को गलत तरीके से मदद पहुंचा रहे थे। निरीक्षण के दौरान नकली फैकल्टी दिखाकर संख्या पूरी की जाती थी और मरीजों की फर्जी एंट्री दर्ज की जाती थी ताकि कॉलेज का मूल्यांकन अनुकूल आए।
कौन-कौन से कॉलेज शामिल
तलाशी में शामिल कॉलेजों में इंदौर का इंडेक्स मेडिकल कॉलेज, रायपुर का श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट, विशाखापट्टनम का गायत्री मेडिकल कॉलेज, वारंगल का फादर कोलंबो इंस्टीट्यूट, कलोल का स्वामीनारायण इंस्टीट्यूट, मेरठ का NCR इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और खगड़िया का श्यामलाल चंद्रशेखर मेडिकल कॉलेज शामिल हैं।
CBI की पिछली कार्रवाई से जुड़ा मामला
कुछ दिन पहले CBI ने छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर स्थित रावतपुरा सरकार मेडिकल इंस्टीट्यूट से 55 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए छह आरोपियों को पकड़ा था। इसी कार्रवाई के दौरान इंदौर जाकर इंडेक्स मेडिकल कॉलेज संचालक सुरेश भदौरिया के घर और ऑफिस पर छापा मारा गया और दस्तावेज जब्त किए गए। इंडेक्स ग्रुप का नाम पहले भी मध्य प्रदेश के चर्चित व्यापम घोटाले में सामने आ चुका है।
एफआईआर में क्या आरोप
FIR में आरोप है कि निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधि और NMC के कुछ अधिकारी निरीक्षण से जुड़ी गोपनीय जानकारी अवैध रूप से बाहर भेज रहे थे। इन सूचनाओं का इस्तेमाल पाठ्यक्रमों की अनुमति लेने और निरीक्षण मानकों को प्रभावित करने के लिए किया जाता था।
हड़कंप मचा ED की कार्रवाई से
देशभर में हुई इस छापेमारी के बाद मेडिकल शिक्षा जगत में हड़कंप मच गया है। ED ने कहा कि जांच जारी है और सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।