
मुंबई, 28 नवंबर। महाराष्ट्र की राजनीति में स्थानीय निकाय चुनावों के बीच बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) के रिश्तों में आई तल्खी ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है। गठबंधन टूटने की चर्चाओं के बीच प्रदेश में माहौल गरमा गया है। ऐसे में डिप्टी सीएम और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने बड़ा बयान देकर स्थिति साफ कर दी है।
2 दिसंबर तक गठबंधन बचाने के बयान से बढ़ी हलचल
मामला तब गर्माया जब शिवसेना के विधायक नीलेश राणे ने एक स्टिंग ऑपरेशन में बीजेपी नेता के घर कैश होने का दावा किया और सीधे तौर पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण पर निशाना साधा। जवाब में चव्हाण ने कहा—
“हम कम से कम 2 दिसंबर तक गठबंधन बनाए रखना चाहते हैं।”
चूंकि स्थानीय निकाय चुनाव के पहले चरण की वोटिंग 2 दिसंबर को है, इस बयान ने सियासी हलकों में कयासों की आग भड़का दी।
अटकलों पर शिंदे का ‘क्लीन एंड बोल्ड’ जवाब
रिश्तों में खटास के बीच एकनाथ शिंदे ने इगतपुरी में बड़ा बयान देकर अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की।
शिंदे ने कहा
“शिवसेना-बीजेपी का गठबंधन सत्ता या परिस्थिति का गठबंधन नहीं है। यह सोच और विचारधारा का गठबंधन है। इसे स्व. बालासाहेब ठाकरे, अटल जी और आडवाणी जी ने बनाया था। यह गठबंधन पुराना, मजबूत है और आगे भी चलता रहेगा।”
उनके इस बयान को गठबंधन को स्थिर दिखाने की कोशिश माना जा रहा है।
राणे परिवार की खींचतान भी बनी वजह
महाराष्ट्र में इन दिनों राणे परिवार की आंतरिक राजनीतिक खींचतान भी सुर्खियों में है।
- नीलेश राणे — शिवसेना (शिंदे गुट)
- नितेश राणे — बीजेपी नेता व पूर्व मंत्री
दोनों भाइयों की अलग-अलग पार्टियों में मौजूदगी ने भी कई जगह दोनों दलों को आमने-सामने ला खड़ा किया है, खासकर सिंधुदुर्ग जिले में।
स्थानीय निकाय चुनावों के बीच गठबंधन पर नजरें टिकीं
राज्य में नगर पंचायत और नगर परिषद चुनाव जारी हैं।
- 2 दिसंबर: पहले चरण की वोटिंग
- 3 दिसंबर: नतीजे
चुनावों की दबाव वाली स्थिति में दोनों पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हैं, लेकिन फिलहाल शिंदे के बयान से गठबंधन टूटने की चर्चाओं को विराम मिलता दिख रहा है।