
शिवपुरी: मध्य प्रदेश के शिवपुरी में श्रीमद् भागवत कथा के मंच पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बीच एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। भागवत कथा के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने केंद्रीय मंत्री से दक्षिणा में 108 फीट ऊंची शिव प्रतिमा की मांग की, जिस पर सिंधिया ने हाथ जोड़कर कहा कि यह निवेदन नहीं, बल्कि उनका आदेश है, जिसे पूरा करना ही होगा।
शास्त्री ने कहा कि शिवपुरी का अर्थ ही ‘शिव की नगरी’ है, इसलिए यहां एक विशाल शिव प्रतिमा होनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि यह मूर्ति किसी पर्वत पर स्थापित की जाए, जिसे ‘कैलाश पर्वत’ नाम दिया जाए। इसके साथ ही वहां एक आध्यात्मिक केंद्र और द्वादश ज्योतिर्लिंग स्थापित किए जाएं। इससे न केवल आस्था बढ़ेगी, बल्कि पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “शिवपुरी को भगवामय होना चाहिए और यह जगह हर साल सावन के दौरान बड़ी संख्या में कावड़ यात्रियों के आगमन से महादेव की नगरी के रूप में प्रसिद्ध होगी।” उन्होंने दिव्य दरबार के आखिरी दिन, 30 दिसंबर को फिर से कथा का आयोजन करने की घोषणा की।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़:
दिव्य दरबार में गुरुवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। शिवपुरी के अलावा आसपास के जिलों से भी लोग भागवत कथा का दर्शन करने पहुंचे। कथा स्थल श्रद्धालुओं के लिए आस्था और भक्ति का संगम बन गया। चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की कथा और जन्माष्टमी की जीवंत झांकी का दर्शन हुआ।
निष्कर्ष:
धीरेंद्र शास्त्री की मांग और सिंधिया का आदेश शिवपुरी को आने वाले समय में धार्मिक और पर्यटन दृष्टि से एक नया रूप देगा। 108 फीट की विशाल शिव प्रतिमा इस नगरी को ‘महादेव की नगरी’ के रूप में स्थापित करेगी।