Monday, December 1

वेबसाइट पर मौजूद, जमीन पर गायब… नोएडा का ‘महामाया तकनीकी विश्वविद्यालय’ फर्जी निकला डाक विभाग परेशान, जांच टीम भी लौटी खाली हाथ

नोएडा में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। शहर में वर्षों से महामाया तकनीकी विश्वविद्यालय के नाम पर एक फर्जी संस्थान संचालित हो रहा है, जिसके नाम पर डाक विभाग को लगातार पत्र तो मिलते हैं, लेकिन असलियत में यह संस्थान कहीं मौजूद ही नहीं है। दाखिले, परीक्षा और नौकरी से जुड़े सैकड़ों पत्र हर महीने डाकघर पहुंचते हैं, लेकिन कर्मचारी इन्हें सही जगह खोज कर पहुंचाने में असमर्थ रहते हैं। थक-हारकर वे यह डाक वापस भेजने वालों को लौटा देते हैं।

यूजीसी की फर्जी यूनिवर्सिटियों की लिस्ट में शामिल

पिछले महीने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने देशभर की 22 फर्जी यूनिवर्सिटियों की सूची जारी की थी, जिसमें उत्तर प्रदेश की चार यूनिवर्सिटियां शामिल हैं। इन्हीं में नोएडा का महामाया तकनीकी विश्वविद्यालय भी दर्ज है। लिस्ट जारी होने के बाद प्रदेश सरकार ने उच्च शिक्षा निदेशालय से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।

निदेशालय ने क्षेत्रीय अधिकारियों को जांच सौंपी थी। हालांकि शुरुआती रिपोर्ट में कई अहम बिंदुओं को स्पष्ट नहीं किया गया, जिसके बाद दोबारा विस्तृत जांच के निर्देश दिए गए हैं। इसमें यह जानकारी मांगी गई है कि—

  • क्या यह फर्जी विश्वविद्यालय अभी भी सक्रिय है?
  • किस-किस तरह की डिग्री जारी की जा रही है?
  • अब तक क्या कार्रवाई हुई?

जांच टीम को भी नहीं मिला विश्वविद्यालय का कोई निशान

पिछले सप्ताह शासन से आई टीम नोएडा पहुंची और दिए गए पते पर विश्वविद्यालय की तलाश की। सहायक निदेशक डॉ. बी.एल. शर्मा के मुताबिक, “दिया गया पता पूरी तरह गलत है। वहां न तो कोई ऑफिस मिला और न ही इस कथित विश्वविद्यालय से जुड़ा कोई व्यक्ति।”

टीम ने इसके बाद डाक विभाग से संपर्क किया, जहां कर्मचारियों ने बताया कि इस विश्वविद्यालय के नाम पर नियमित तौर पर भारी मात्रा में डाक आती है, लेकिन ‘फर्जी पता’ लिखकर उसे वापस लौटा दिया जाता है। यहां तक कि यूजीसी की सूची में भी इस कथित संस्थान का पता दर्ज नहीं है।

वेबसाइट पर ही चल रहा ‘वर्चुअल विश्वविद्यालय’?

जांच टीम के अनुसार, इस बात की पूरी संभावना है कि यह विश्वविद्यालय केवल वेबसाइट के माध्यम से संचालित किया जा रहा है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए भ्रम फैलाकर छात्रों से संपर्क किया जाता है और संभवत: एडमिशन या प्रमाणपत्र जारी किए जाते हैं।

डॉ. शर्मा ने बताया कि जांच रिपोर्ट 30 नवंबर तक शासन को भेज दी जाएगी।

छात्रों के साथ बड़ा धोखा, प्रशासन हुआ सतर्क

इस फर्जी विश्वविद्यालय का पर्दाफाश होने के बाद प्रशासन अब पूरी तत्परता से मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे संस्थान छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं और इन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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