
बेंगलुरु/दिल्ली: कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस में चल रही खींचतान बढ़ती जा रही है। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने 2023 में अपने वादे की याद दिलाई, जबकि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपना प्लान बी एक्टिवेट कर हाईकमान पर दबाव बढ़ा दिया। कांग्रेस के लिए संसद के शीतकालीन सत्र से पहले इस मसले पर फैसला करना जरूरी है, और राहुल गांधी के पास केवल 48 घंटे बचे हैं।
2023 की ढाई साल वाली डील
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के बाद कांग्रेस आलाकमान ने डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला तय किया था। डील के तहत पहले ढाई साल सिद्धारमैया को सीएम पद मिला, जबकि डीके ने डिप्टी सीएम के रूप में अपनी भूमिका निभाई। अब ढाई साल पूरे होने के बाद डीके ने ट्वीट कर हाईकमान को वचन की याद दिलाई और अपने समर्थक विधायकों के संदेश भेजे।
सिद्धारमैया ने भी किया दांव
सिद्धारमैया ने अपने प्लान बी को एक्टिवेट कर दिया है। उन्होंने सीएम पद के लिए अपने करीबी गृह मंत्री जी परमेश्वर को दावेदार घोषित किया। इसके साथ ही आलाकमान पर जल्द फैसला करने का दबाव भी बढ़ा। कांग्रेस के 140 विधायकों में से सिद्धारमैया समर्थकों की संख्या ज्यादा बताई जा रही है।
हाईकमान के सामने चुनौती
अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के सामने तीन दावेदारों में से किसी एक का चयन करना है। अगर यह विवाद संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सुलझा नहीं, तो कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि वे राहुल गांधी के सामने डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के साथ आमने-सामने चर्चा करेंगे।