Monday, December 1

3,200 करोड़ के शराब घोटाले में EOW ने IAS निरंजन दास की कमाई का खुलासा, सातवीं चार्जशीट दाखिल

रायपुर: छत्तीसगढ़ के 3,200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने बुधवार को सातवीं चार्जशीट कोर्ट में पेश की। इस चार्जशीट में सबसे बड़ा नाम तत्कालीन आबकारी आयुक्त और सचिव IAS निरंजन दास का है। जांच में पता चला है कि निरंजन दास ने अपनी तीन साल की पोस्टिंग में कम से कम 16 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की।

EOW के अनुसार, निरंजन दास को हर महीने 50 लाख रुपये तक की हिस्सेदारी मिलती थी, जो उन्होंने अपने और रिश्तेदारों के नाम अचल संपत्तियों में निवेश की।

चार्जशीट में कुल छह आरोपी

सातवीं चार्जशीट में कुल छह आरोपितों की अवैध कमाई का विवरण शामिल किया गया है। अब तक इस मामले में कुल 50 आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश हो चुका है। जांच में सामने आया कि निरंजन दास ने आबकारी नीति और विभागीय निविदाओं में हेरफेर कर विशेष व्यक्तियों और सिंडिकेट को लाभ पहुंचाया।

सरकार को हुआ 530 करोड़ का नुकसान

जांच में यह भी उजागर हुआ कि दोषपूर्ण एफएल-10ए लाइसेंसी प्रणाली के कारण राज्य को करीब 530 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इस प्रणाली के माध्यम से विदेशी मदिरा पर कंपनियों से जबरन कमीशन उगाहा गया।

हवाला के जरिए 1,000 करोड़ रुपये का संचालन

कारोबारी अनवर ढेबर के करीबी सहयोगी नितेश पुरोहित और पुत्र यश पुरोहित ने हवाला के जरिए 1,000 करोड़ रुपये का लेन-देन किया। इसके अलावा, दीपेन चावड़ा ने सिंडिकेट की रकम को छुपाने और शीर्ष व्यक्तियों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।

नई आबकारी नीति का खेल

कांग्रेस सरकार में अप्रैल 2020 से लागू नई आबकारी नीति के तहत विदेशी शराब की सप्लाई और भंडारण के लिए एफएल-10ए लाइसेंस प्रणाली लाई गई थी। जांच में यह भी सामने आया कि इस नीति का लाभ विशेष सिंडिकेट और निजी कंपनियों को पहुंचाने के लिए किया गया।

EOW की जांच जारी है और भविष्य में और अधिक खुलासे की संभावना जताई जा रही है।

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