
दिमाग को तेज़ और एक्टिव रखने के लिए सिर्फ पढ़ाई या दिमागी कसरत ही काफी नहीं होती। फिटनेस एक्सपर्ट्स का मानना है कि रेगुलर एक्सरसाइज आपकी याददाश्त, फोकस और इमोशनल स्टेबिलिटी बढ़ाने में सबसे असरदार तरीका है।
एक्सरसाइज से दिमाग को कैसे फायदा मिलता है?
एनीटाइम फिटनेस के फिटनेस एंड परफॉर्मेंस एक्सपर्ट कुशाल पाल सिंह के अनुसार, एक्सरसाइज से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इसका सीधा फायदा यह होता है कि दिमाग को ज्यादा ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं। साथ ही, न्यूरोट्रोफिक फैक्टर नामक प्रोटीन बनते हैं, जो पहले से मौजूद ब्रेन सेल्स की सुरक्षा करते हैं और नई ब्रेन सेल्स का उत्पादन बढ़ाते हैं।
फोकस और मेंटल क्लैरिटी में सुधार
रेगुलर एक्सरसाइज करने से दिमाग का प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स एक्टिव होता है, जिससे योजना बनाना, ध्यान केंद्रित करना और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। इसके अलावा मेंटल फॉग और डिस्ट्रैक्शन कम करने वाले केमिकल्स भी रिलीज होते हैं।
मूड और इमोशनल स्टेबिलिटी में बढ़त
एक्सरसाइज के दौरान एंडोर्फिन, डोपामाइन और सेरोटोनिन रिलीज होते हैं, जो तनाव कम करके आनंद और शांति बढ़ाते हैं। ये हॉर्मोन एंग्जायटी, चिड़चिड़ापन और भावनात्मक थकान को दूर करने में मददगार होते हैं।
लंबी अवधि के फायदे
जो लोग नियमित रूप से शारीरिक रूप से सक्रिय रहते हैं, उनमें बुढ़ापे में दिमाग की क्षमता कम होने का खतरा कम रहता है। एक्सरसाइज ब्रेन प्लास्टिसिटी को बढ़ाती है, जिससे दिमाग बदलावों को जल्दी सीखता और अपनाता है।
नींद और शरीर का संतुलन
एक्सरसाइज करने से नींद की क्वालिटी सुधरती है, जो याददाश्त और फोकस के लिए बेहद जरूरी है। इसके साथ ही शरीर और दिमाग का कॉर्डिनेशन बेहतर होता है, और अंदरुनी घड़ी (बायोलॉजिकल क्लॉक) रेगुलेट होती है।
निष्कर्ष:
दिमाग की ताकत बढ़ाने और याददाश्त सुधारने का सबसे सरल और असरदार तरीका है नियमित एक्सरसाइज। दिन में कम से कम 30 मिनट की हल्की या मध्यम गति की फिजिकल एक्टिविटी आपके दिमाग और शरीर दोनों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है।