
मुजफ्फरनगर: जिले में मंगलवार को हुए पुलिस एनकाउंटर ने एक सनसनीखेज हत्या कांड की परतें खोल दीं। प्रेमिका के पिता ने अपनी बेटी के प्रेम संबंधों से नाराज होकर युवक की हत्या के लिए 1 लाख रुपये की सुपारी दी थी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में पिता सहित पांच आरोपी घायल हुए, जबकि दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया।
एनकाउंटर में पांच घायल, दो गिरफ्तार
ककरौली थाना पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में दोनों ओर से ताबड़तोड़ फायरिंग हुई। जवाबी कार्रवाई में मेहरबान सिंह उर्फ वीर सिंह, उसका बेटा वंश, और साथी दानिश, अलीशान व अंशुल गोली लगने से घायल हो गए। वहीं पवन और अक्षय नामक दो आरोपियों को पुलिस ने मौके से दबोच लिया।
पुलिस ने घटनास्थल से चार तमंचे, एक पिस्टल, भारी मात्रा में कारतूस, पांच मोबाइल फोन और एक मोटरसाइकिल बरामद की।
प्रेम संबंध बना हत्या की वजह
घटना खेड़ी फिरोजाबाद गांव की है, जहां 1 नवंबर को सौरभ उर्फ सोनू नामक युवक की निर्मम हत्या कर दी गई थी। सोनू का शव गांव के बाहर ईख के खेत में बरामद हुआ था। जांच में पता चला कि सोनू अपने ही गांव के मेहरबान सिंह की बेटी से प्रेम करता था।
इस रिश्ते से नाराज मेहरबान ने अपने बेटे वंश और दोस्तों के साथ सोनू को रास्ते से हटाने की साजिश रची। योजना के तहत दानिश नामक बदमाश को 1 लाख रुपये की सुपारी दी गई।
पहले गोली, फिर चाकुओं से गोदकर हत्या
पुलिस जांच के मुताबिक, साजिश के तहत सोनू को बहाने से घर से बुलाया गया। इसके बाद पहले उसे गोली मारी गई, फिर चाकुओं से बेरहमी से गोद-गोदकर हत्या कर दी गई। हत्या के बाद आरोपी शव को खेत में फेंककर फरार हो गए।
बाद में हत्या में प्रयुक्त हथियारों को पवन और अक्षय के पास छिपा दिया गया था।
पुलिस की घेराबंदी में मुठभेड़
मामले की शिकायत पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों की तलाश शुरू की। मंगलवार को ककरौली इलाके में घेराबंदी की गई, तभी बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी।
जवाबी कार्रवाई में पांचों को गोली लगी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। मौके से दो आरोपियों को सुरक्षित गिरफ्तार कर लिया गया।
एसएसपी बोले — पैसों की लालच में ली जान
एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि यह हत्या पूरी तरह सोची-समझी साजिश थी।
“दानिश को पैसों की सख्त जरूरत थी, इसलिए उसने सुपारी लेकर वारदात को अंजाम दिया। मेहरबान सिंह अपनी बेटी के प्रेम संबंधों से नाराज था और उसने बेटे व दोस्तों के साथ मिलकर यह साजिश रची।”
सभी सातों आरोपियों पर हत्या, आपराधिक षड्यंत्र और पुलिस पर फायरिंग के गंभीर मामले दर्ज किए गए हैं।
निष्कर्ष:
मुजफ्फरनगर की यह वारदात न सिर्फ ऑनर किलिंग का भयावह उदाहरण है, बल्कि यह भी दिखाती है कि अंधी सामाजिक सोच और झूठे सम्मान के नाम पर इंसानियत कैसे शर्मसार होती है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से इस निर्मम साजिश का पर्दाफाश हो सका है।