Monday, December 1

सड़क किनारे गुमटी से शुरू हुआ सफर, आज अरबों का कारोबार: कौन हैं कमला पसंद के मालिक कमल किशोर चौरसिया?

नई दिल्ली, ब्यूरो:
देशभर में मशहूर पान मसाला ब्रांड कमला पसंद एक बार फिर सुर्खियों में है। कंपनी के मालिक कमल किशोर चौरसिया की पुत्रवधू दीप्ति चौरसिया ने मंगलवार को दिल्ली के वसंत विहार स्थित आवास में आत्महत्या कर ली। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट मिला है। इस घटना के बाद एक बार फिर लोगों की नजरें कमला पसंद ब्रांड और इसके मालिक पर टिकी हैं—आखिर कौन हैं वह व्यक्ति, जिसने सड़क किनारे गुमटी से पान मसाला बेचकर अरबों की कंपनी खड़ी कर दी?

गुमटी से शुरू हुआ कारोबार
कानपुर निवासी कमल किशोर चौरसिया ने 80 के दशक में घर पर ही पान मसाला तैयार करना शुरू किया था। परिवार की मदद से वे काहू कोठी इलाके में सड़क किनारे एक छोटी गुमटी पर खुला पान मसाला बेचते थे। उस समय पान मसाला किसी पैकेट में नहीं मिलता था। धीरे-धीरे गुणवत्ता और लोकप्रियता बढ़ी और इसका नाम बाजार में छा गया।

आज कमला पसंद, राजश्री समेत इनके कई ब्रांड देशभर में बिकते हैं। अमिताभ बच्चन, सुनील गावस्कर और वीरेंद्र सहवाग जैसे बड़े सितारे इनका विज्ञापन कर चुके हैं, जिससे ब्रांड की पहचान और मजबूत हुई।

अब कई सेक्टर में पैर पसार चुका कारोबार
कमला पसंद का मालिकाना हक केपी ग्रुप के पास है। साल 2000 के बाद कंपनी ने तेज़ी से विस्तार किया। पान मसाले और गुटखा कारोबार के साथ समूह ने—

  • रियल एस्टेट
  • स्टील और लोहा व्यापार
  • अन्य उद्योग क्षेत्रों

में भी निवेश किया। कानपुर के नयागंज स्थित लाल फाटक में कंपनी का बड़ा ऑफिस आज भी संचालित है।

विवादों से भी रहा नाता
कमल किशोर के व्यवसाय को कई बार सरकारी जांचों का सामना करना पड़ा है। ईओडब्ल्यू, जीएसटी और इनकम टैक्स विभाग ने छापेमारी की, जिसमें—

  • उत्पादन वास्तविक से अधिक पाया गया
  • मजदूरों की संख्या छिपाने के आरोप लगे
  • लगभग 150 करोड़ रुपये की एक्साइज ड्यूटी चोरी जैसे मामले सामने आए

इन विवादों के बावजूद कंपनी की बाजार पकड़ लगातार मजबूत बनी रही।

कितनी है कमाई और नेटवर्थ?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार—

  • भारत का पान मसाला उद्योग 2024 में करीब 46,882 करोड़ रुपये का था
  • 2033 तक इसके 64,446 करोड़ रुपये होने का अनुमान
  • कमला पसंद का मार्केट कैप लगभग 3,000 करोड़ रुपये बताया जाता है
  • कंपनी ने 2020 में 500 करोड़ रुपये से अधिक टैक्स जमा किया था

हालांकि कमल किशोर की व्यक्तिगत नेटवर्थ को लेकर कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन कंपनी के कारोबार और टैक्स भुगतान से उनके वित्तीय साम्राज्य का अंदाजा लगाया जा सकता है।

गुमटी से शुरुआत कर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने की यह कहानी आज भारतीय उद्यमिता का बड़ा उदाहरण मानी जाती है, भले ही विवादों की परछाई इससे जुड़ी रही हो।

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